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कद घटा रावण का.. जलेंगे छोटे-छोटे रावण,कोरोना का ग्रहण….

महामारी के कारण राजधानी में दो-तीन प्रसिद्ध समितियों को ही रावण दहन की अनुमति मिली थी। इस साल कोरोना का ग्रहण लगभग छंट चुका है, इसलिए प्रशासन ने कुछ नियमों के साथ रावण दहन करने की गाइड लाइन जारी की है। डब्ल्यूआरएस कालोनी में 105 फीट रावण का पुतला जलाया जाता था। इस बार पुतले की ऊंचाई आधी कर दी गई है और केवल 50 फीट का पुतला ही जलेगा। इसकी तैयारी अंतिम दौर में है

200 साल से दूधाधारी मठ के सान्निध्य में दशहरा पर्व रावणभाठा मैदान में होता आ रहा है। इस साल सादगी से रावण दहन किया जाएगा। अस्त्र, शस्त्रों, अखाड़ा का प्रदर्शन और सांस्कृतिक आयोजन नहीं होगा। इसी तरह बीटीआइ मैदान शंकर नगर में भी सादगी से रावण जलेगा। रामलीला, गीत-संगीत की प्रस्तुति नहीं होगी।

पारा सप्रे मैदान, कटोरा तालाब, फाफाडीह, टिकरापारा, छत्तीसगढ़ नगर समेत अनेक गली-मोहल्लों में भी छोटे-छोटे रावण के पुतले जलेंगे। आमापारा बाजार, बजरंग नगर और राठौर चौक पर अनेक कारीगर पुतला बेचने के लिए पहुंचे हैं। तीन फीट से लेकर 20 फीट तक के पुतलों की कीमत 500 से लेकर 10 हजार रुपए तक है। आर्डर के अनुसार उसके भीतर पटाखे लगाकर दे रहे हैं।

लगभग 75 कंडरा आदिवासी समुदाय लोग रहते हैं। सभी परिवार की रोजीरोटी बांस की कलाकृतियां बनाकर चलती है। इन दिनों वे रावण का पुतला बनाने में जुटे हैं। प्रत्येक परिवार ने पांच से 10 पुतले बनाए हैं। आसपास के गांवों से भी युवा बांस टाल से पुतले खरीदकर ले जा रहे हैं।

सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के प्रमुख विधायक कुलदीप जुनेजा, रावणभाठा दशहरा समिति के मनोज वर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए दशहरा पर्व को सादगी से मनाया जा रहा है। प्रशासन के आदेश के अनुरुप रावण के पुतले की ऊंचाई रखी गई है। मेघनाद-कुंभकर्ण का पुतला नहीं जलाएंगे। नियमों का पालन किया जाएगा

डब्ल्यूआरएस कालोनी, शंकर नगर बीटीआई ग्राउंड, कटोरातालाब, सप्रे शाला मैदान, चौबे कालोनी, मठपारा के रावणभाठा मैदान, छत्तीसगढ़ नगर, लाखेनगर, मोवा, पचपेड़ी नाका, गुढि़यारी, फाफाडीह, रामकुंड समेत 10 इलाकों में रावण पुतला का दहन करने की तैयारियां अंतिम दौर में है

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