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नए शोध में आया सामने, कोविड-19 की गंभीरता के खिलाफ कायम रहती है वैक्सीन की सुरक्षा

उमिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीटर नार्डस्ट्राम ने कहा ‘बुरी खबर यह है कि वैक्सीन की दूसरी खुराक के सात महीने बाद संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा कम होती दिख रही है लेकिन अच्छी खबर यह है कि गंभीर संक्रमण के खिलाफ बेहतर सुरक्षा बनी रहती है

स्वीडन स्थित उमिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीटर नार्डस्ट्राम ने कहा, ‘बुरी खबर यह है कि वैक्सीन की दूसरी खुराक के सात महीने बाद संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा कम होती दिख रही है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि गंभीर संक्रमण के खिलाफ बेहतर सुरक्षा बनी रहती है।

वैक्सीन की सुरक्षा कुछ महीने बाद धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती है, लेकिन कोविड-19 की गंभीरता के खिलाफ उसकी सुरक्षा बेहतर बनी रहती है। ‘द लैंसेट जर्नल’ में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है

गंभीर संक्रमण के कारण कोविड के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती और कई बार उनकी मौत भी हो जाती है। इसलिए वैक्सीन लगवाना बुद्धिमानी वाला व महत्वपूर्ण काम है।’ यह एक विश्लेषणात्मक अध्ययन है

मुख्य विश्लेषण में करीब 17 लाख लोग शामिल रहे और इसके परिणाम की 40 लाख से ज्यादा लोगों द्वारा पुष्टि की गई। अध्ययन निष्कर्ष में बताया गया है कि वैक्सीन की दूसरी खुराक के एक महीने बाद गंभीर संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा चरम पर होती है और इसके बाद धीरे-धीरे घटने लगती है। शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन अलग-अलग टीकों पर किया, लेकिन एक बात जो स्पष्ट थी वो यह कि वैक्सीन कोविड के गंभीर संक्रमण से बचाने में कारगर है

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