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16 नवंबर को होगी अगली सुनवाई, रमन की संपत्ति की जांच 

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संपत्ति की जांच के लिए कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

रमन सिंह पर संपत्ति की गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। विनोद तिवारी ने इससे पहले भी ACB, EOW से कई बार शिकायत कर चुके हैं। याचिकाकर्ता ने ईओडब्ल्यू को भी पक्षकार बनाया है। याचिकाकर्ता के आवेदन पर जवाब पेश करने डॉ रमन सिंह की ओर से 10 दिन का समय मांगा गया है,र्व सीएम रमन सिंह ने 2008, 2013 और 2018 के निर्वाचन में अपनी संपत्ति की शपथपत्र में जानकारी छुपाई है और गलत जानकारी दी है उनके मुताबिक कई बाह EOW, ACB में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

विनोद तिवारी ने साल 2018 में एडवोकेट हर्षवर्धन परघनिया के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट क्रिमिनल याचिका दायर कर चुके हैं। इसमें बताया गया है कि डॉ. रमन सिंह ने साल 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है। उन्होंने शपथ-पत्र में गलत जानकारी दी है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री की संपत्ति की जांच कराने की मांग की है। 

याचिकाकर्ता के एडवोकेट के साथ ही राज्य शासन, रमन सिंह की दलीलों को भी सुना गया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका के एडमिशन पर ऑर्डर रिजर्व रखा था, जिसमें आज कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था।

पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में बताया था कि साल 2008 से लेकर 2018 तक मुख्यमंत्री रहते कितनी कमाई की थी। उनके इस शपथ पत्र को ही आधार बनाकर याचिकाकर्ता ने उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की थी। साथ ही CBI, प्रवर्तन निदेशालय और आय कर विभाग को उनकी चल अचल संपत्ति की जांच करने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की है,

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