ओलंपिक से लेकर अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भारत के लिए पदक जीत चुके पहलवानों ने गंगा में अपने पदक बहाने का कार्यक्रम पांच दिन के लिए स्थगित कर दिया है.
ये खिलाड़ी पिछले एक महीने से दिल्ली के जंतर-मंतर पर यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.
हाल ही में दिल्ली पुलिस के आक्रामक रुख के बाद इन खिलाड़ियों ने मंगलवार की शाम अपने पदक गंगा में प्रवाहित करने का ऐलान किया था.
इनमें साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जैसे कई बड़े खिलाड़ी शामिल थे।
मंगलवार की शाम छह बजे ये खिलाड़ी विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में जीते अपने पदकों के साथ हरिद्वार के हर की पौड़ी पहुंचे, जहां उन्हें अपने पदक गंगा में बहाने थे.
पहलवानों के साथ-साथ उनके चाहने वालों और आम नागरिकों की भी भारी भीड़ हर की पौड़ी की ओर बढ़ती नजर आई।
मौके पर पहुंचे इन्हीं में से कुछ लोग यह अपील करते सुने गए कि पहलवानों को अपने मेडल गंगा में नहीं फेंकने चाहिए। शाम को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेता नरेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ पहलवानों को मनाने हर की पौड़ी पहुंचे.
इससे पहले उनके छोटे भाई राकेश टिकैत ने भी पहलवानों से अपने मेडल गंगा में नहीं फेंकने की अपील की थी। और इसके बाद पहलवानों ने अपने-अपने मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिए।
मेडल लेने के बाद क्या बोले नरेश टिकैत
इस पूरे मामले पर नरेश टिकैत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात की.
उन्होंने पहलवानों के विरोध का समर्थन करते हुए कहा, ‘जंतर-मंतर पर हमारी बेटियों के साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ है, उसे पूरा देश बर्दाश्त नहीं करेगा।’ वहां (जंतर मंतर) से जिस तरह से उसे घसीटा गया, उसे लेकर पूरे भारत में गुस्सा है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को बचाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘पूरी भारत सरकार एक आदमी को बचाने में लगी हुई है।’
टिकैत ने कहा कि ‘खिलाड़ियों ने पांच दिन का समय दिया। हम चुप नहीं बैठेंगे।
खिलाड़ियों से बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, ”हमने उन्हें पूरा आश्वासन दिया है. हम उनका सिर नहीं झुकने देंगे, जब तक लड़ना है हम उनके लिए लड़ेंगे।
अनिल कुंबले ने ट्वीट किया
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज अनिल कुंबले ने ओलंपिक विजेता पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस के व्यवहार पर दुख जताया है.
अनिल कुंबले ने कहा कि इस विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए.
कुंबले ने अपने ट्वीट में लिखा, ”28 मई को अपने पहलवानों के साथ हुई हाथापाई को देखकर बहुत दुख हुआ. अच्छे संवाद से किसी भी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। हम इसे जल्द से जल्द हल करने की उम्मीद करते हैं।