भाकपा नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी आज कांग्रेस में शामिल होंगे। राहुल गांधी की मौजूदगी में दोनों नेता कांग्रेस का दामन थमाेंगे। दोनों के स्वागत में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर बड़े-बड़े पोस्टर्स लगाए गए हैं। भाजपा शासित गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले यह खबर सामने आ रही है। इससे पहले कन्हैया कुमार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए थे और उन्हें बिहार की बेगूसराय सीट से भाजपा के गिरिराज सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। कन्हैया के करीबी सूत्रों ने बताया कि भाकपा नेता के आज नई दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है।
कन्हैया के साथ ही जिग्नेश मेवाणी भी आज कांग्रेस में शामिल होंगे। मेवाणी गुजरात में एक निर्दलीय विधायक हैं और वडगाम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने शनिवार को घोषणा की थी कि वह मंगलवार को कांग्रेस में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, “28 सितंबर को मैं कन्हैया कुमार के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होऊंगा।”मेवाणी, राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक भी हैं। उन्होंने 2017 में कांग्रेस के समर्थन से बनासकांठा जिले की वडगाम विधानसभा सीट जीती थी।
मेवाणी के कांग्रेस में आने से पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी, जो जाहिर तौर पर अनुसूचित जाति समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है। वहीं कांग्रेस में शामिल होने की वजह पूछे जाने पर मेवाणी ने कहा, “उसी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में बताया जाएगा।” इसके साथ ही जब उनसे पूछा गया कि क्या वो राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे? इसेक जवाब में उन्होंने कहा “यह पार्टी का निर्णय होगा।”
मेवाणी ने हाल ही में गुजरात हाई कोर्ट में एक केस जीतने के बाद 13,000-लीटर के ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया था। वो इतने बड़े प्लांट का उद्घाटन करने वाले राज्य के पहले निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार को यह रास्ता दिखाया कि विधायकों को अपने विवेकाधीन विधायक धन का उपयोग कोविड से निपटने के लिए सुविधाएं बनाने के लिए करना चाहिए। बाद में कांग्रेस पार्टी भी इसमें शामिल हो गई। इस वजह से राज्य सरकार को सभी 182 विधायकों के लिए यह निर्णय लेना पड़ा था।
मेवाणी के करीबी लोगों ने दावा किया कि एक साल से अधिक समय से वह आम आदमी पार्टी में शामिल होने सहित कई विकल्पों पर विचार कर रहे थे, जिसमें वह पहले एक प्रवक्ता थे और समान विचारधारा वाले युवा नेताओं के कुछ राष्ट्रीय मोर्चे की खोज भी कर रहे थे। कथित तौर पर वह कन्हैया कुमार और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ लगातार संपर्क में थे।