छत्तीसगढ़ का दबदबा बढ़ा है। पहली बार प्रदेश के पांच नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है, जिसमें दो महिला नेत्री शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को एक बार फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। डा. रमन ने एक दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके साथ ही राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय, विधायक अजय चंद्राकर और पूर्व मंत्री लता उसेंडी को जिम्मेदारी दी गई है। बिलासपुर सांसद अस्र्ण साव को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की गई है। आदिवासी वर्ग को संतुष्ट करने के लिए सरगुजा से केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेणुका सिंह को शामिल करने के बाद बस्तर से लता उसेंडी को राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य बनाया गया है। ओबीसी वर्ग से तेजतर्रार नेता अजय चंद्राकर और अस्र्ण साव को मौका दिया गया है। वहीं सामान्य वर्ग से डा रमन और सरोज को शामिल किया गया है। अनुसूचित जाति वर्ग से प्रदेश के किसी भी नेता को राष्ट्रीय कार्यसमिति में जगह नहीं मिली है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा के साथ प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री संगठन की भी घोषणा की गई है। लंबे समय से यह चर्चा थी कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर ओबीसी वर्ग से किसी आक्रामक नेता को मौका दिया जा सकता था। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा था कि मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से हैं और आक्रामक हैं। ऐसे में सीएम बघेल को उनकी शैली में ही जवाब देने के लिए ओबीसी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए
इन कयासों पर विराम लगाते हुए केंद्रीय संगठन ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर विष्णुदेव साय और प्रदेश महामंत्री संगठन के पद पर पवन साय को नियुक्ति को एक बार फिर हरी झंडी दे दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे संगठन को और मजबूती मिलेगी।
कार्यसमिति में शामिल सदस्य केंद्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर कार्य करने एवं अपनी कार्ययोजनाओं को साझा करेंगे। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि अब प्रदेश संगठन और मजबूत होगा। प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय ने कहा कि भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल किए जाने से भाजपा का प्रदेश संगठन और अधिक मजबूत होगा।