मेमोरियल अस्पताल किट की कमी की वजह से 30 से अधिक जाचें बंद हैं। इधर, 10 अक्टूबर 2019 से एक्सपायर्ड किट से जांच का मामला सामने आने के बाद प्रबंधन इससे जांच के परिणाम में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं आने की बात कह रहा हैं। वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ इकाई ने इसे गुमराह करने वाली बात कही है।
वरिष्ठ सदस्य और स्टेट हास्पिटल बोर्ड के चेयरमैन डा. राकेश गुप्ता ने कहा कि एक्सपायरी डेट की दवा हो या कोई भी किट उससे परिणाम गलत ही आएंगे। एक्सपायरी डेट के किट से जांच को सही बताने वाले प्रबंधन को इस पर सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई तरह की जांचें बंद होने से गरीब मरीजों को सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है
किट से जांच के मामले में किट की खरीदी की जांच करने की आवश्यकता है। संभव है कि अधिकारियों की मिलीभगत से छत्तीसगढ़ दवा निगम के माध्यम से एक्सपायरी डेट के करीब या इसके बाद किट खरीदा गया हो। शासन को मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराने की आवश्यकता है
किडनी व लिवर से संबंधित जांचें एक्सपायरी डेट की किट करने की खबर नईदुनिया ने 13 अक्टूबर को प्रकाशित की। इसमें सामने आया कि अस्पताल में हर दिन लिवर व किडनी से संबंधित 500 से अधिक जांचें की जा रही है। किट की कमी के चलते यहां 10 अक्टूबर 2019 में एक्सपायर हो चुके किट से जांच की जा रही थी।
जांच क्वालिटी कंट्रोल समेत कई तरह की प्रक्रियाएं होती हैं। एक्सपायरी डेट की किट लोगों से सीधे कनेक्ट नहीं होता। यह जांच ही जरिया है। इसलिए किसी तरह तरह का नुकसान या परिणाम में गड़बड़ी नहीं आती है