भारी विरोध के बीच, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने रविवार को जालना जिले में आरोपी श्रीकांत पंगारकर की पार्टी में किसी भी पद पर नियुक्ति पर रोक लगा दी है।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने सोमवार को शिवसेना पर ‘नैतिकता का ढोंग’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पत्रकार गौरी लंकेश हत्या मामले के एक आरोपी को केवल चुनाव खत्म होने तक अस्थायी रूप से पार्टी से हटाया गया है।
भारी विरोध के बीच पंगारकर की नियुक्ति पर रोक
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने रविवार को जालना जिले में आरोपी श्रीकांत पंगारकर की पार्टी में किसी भी पद पर नियुक्ति पर रोक लगा दी। पंगारकर को सितंबर में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी। वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को पार्टी नेता और पूर्व मंत्री अर्जुन खोटकर की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हुए थे। रविवार को शिवसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगर पंगारकर को जालना जिले में पार्टी का कोई पद दिया गया है, तो उस पर रोक लगा दी गई है।
‘नैतिकता का ढोंग’ – सुले
सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि पंगारकर को लेकर शिवसेना की यह तथाकथित कार्रवाई चुनाव तक सीमित है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “गौरी लंकेश हत्याकांड में एक आरोपी को पार्टी (शिवसेना) में लिया गया और फिर उसे हटा दिया गया। लेकिन यह काफी नहीं है। सिर्फ चुनाव के लिए नैतिकता का ढोंग किया गया है। चुनाव के बाद ऐसे गुंडों को फिर से शामिल कर लिया जाएगा।”
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या
गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर की गई थी। महाराष्ट्र में एजेंसियों की मदद से कर्नाटक पुलिस की जांच में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।श्रीकांत पंगारकर साल 2001 से 2006 के बीच अविभाजित शिवसेना के जालना नगरपालिका के पार्षद रहे। उन्हें अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था और कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उन्हें इस साल 4 सितंबर को जमानत दे दी थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।