Chhattisgarh

वनमंत्री केदार कश्यप जी की अध्यक्षता में वनोपज राजकीय व्यापार अंतर्विभागीय समिति की बैठक संपन्न

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रायपुर:  माननीय श्री केदार कश्यप मंत्री वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अध्यक्षता में वनोपज राजकीय व्यापार अंतर्विभागीय समिति की बैठक नवा रायपुर में उनके निवास कार्यालय में संपन्न हुई। तेन्दूपत्ता जिसे छत्तीसगढ़ का हरा सोना भी कहा जाता है जिसके संग्रहण से सुदूर वनांचल में निवासरत् वनवासियों को अच्छी खासी आय प्राप्त होती है। तेन्दूपत्ता संग्रहण हेतु निजी क्रेता द्वारा प्रतिभूति राशि जमा करने की अवधि में 15 दिन का अतिरिक्त समय दिये जाने की सहमति दी गई है। निजी गोदाम में तेन्दूपत्ता के भण्डारण पर क्रेता द्वारा जमा सुरक्षा निधि 100% वापस करने की सहमति दी गई। इस वर्ष क्रेता को हरे पत्ते का परिदान देने की प्रक्रिया का ऑन लाईन साफ्टवेयर के माध्यम से निगरानी किया जाएगा। इसके प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं गति आएगी। विगत् वर्ष से तेन्दूपत्ता संग्राहकों से 5500/- रू. प्रति मानक बोरा की दर से क्रय किया जा रहा है। जिससे संग्राहकों की आय में काफी वृद्धि हुई है।

प्रबंध संचालक, वन विकास निगम द्वारा सरगुजा, जशपुर, सुरजपुर, बैंकुठपुर जिले में कृषकों की भूमि पर पाई जाने वाली 5 प्रजातियों के बांस का प्रत्यक्ष प्रस्तुतीकरण किया गया। वहां रोपा, चांई, झींगी, कटंग और पहाडी बांस पाये जाते हैं। अलग-अलग संरचना मजबूती तथा उनके वजन आधारित गुणवत्ता के अनुरूप बांस का बहुउद्देशीय उपयोग किया जा सकता है। वर्तमान में बांस की मांग कागज के कारखाने, फर्नीचर, सजावटी समान बनाने, टेन्ट, सेंट्रिंग के साथ-साथ टमाटर एवं सब्जी उत्पादकों द्वारा काफी उपयोग किया जा रहा है। प्रारंभिक सर्वेक्षण अनुसार लगभग 500 करोड रूपये की बांस / काष्ठ वनक्षेत्र से बाहर कृषकों की भूमि में उपलब्ध है। सब्जी उत्पादक कृषकों द्वारा ही 10 करोड रूपये मूल्य की बांस का उपयोग प्रति वर्ष किया जा रहा है।

वर्तमान में बांस, लौह, एल्युमिनियम एवं काष्ठ के विकल्प के रूप में तेजी से प्रचलन में आ रहा है। राष्ट्रीय सडक प्राधिकरण द्वारा क्रेश बेरियर के रूप में बांस का उपयोग किया जा रहा है। रेलवे लाईन की फेसिंग में भी यह अत्यधिक उपयोगी है। माननीय वनमंत्री जी ने बांस का बाजार सर्वेक्षण कराकर प्रतिवेदन देने हेतु निर्देशित किया साथ ही निर्देश दिया गया कि राज्य के वनांचल में निवासत् परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने हेतु समर्थन मूल्य पर अधिकाधिक लघु वनोपज का संग्रहण किया जाए। बैठक में श्री वी. श्रीनिवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख, श्री अनिल साहू, प्रबंध संचालक, राज्य लघु वनोंपज संघ, श्री बी. आनंद बाबू, प्रबंध संचालक, छ. ग. राज्य वन विकास निगम लिमिटेड, श्रीमती संजीता गुप्ता, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं श्री मयंक पाण्डेय उप सचिव वन उपस्थित रहे।

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