BCCI-Byju’s समझौते पर NCLT को जल्द करना होगा फैसला, NCLAT का निर्देश
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Byju’s: Byju’s इनसॉल्वेंसी मामले में NCLAT का आदेश, NCLT को एक हफ्ते में फैसला लेने के निर्देश एडटेक कंपनी Byju’s की इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया और BCCI के साथ सेटलमेंट को लेकर राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) को एक हफ्ते के अंदर फैसला लेने के निर्देश दिए हैं। क्या है पूरा मामला?
NCLAT की दो सदस्यीय बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन और जतिंद्रनाथ स्वैन शामिल थे, ने शुक्रवार को यह निर्देश जारी किया। यह आदेश रिजु रविंद्रन द्वारा दायर याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने NCLT के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें Glas Trust और Aditya Birla Finance को Byju’s की क्रेडिटर्स कमेटी (CoC) में फिर से शामिल करने का निर्देश दिया गया था। NCLAT ने NCLT को निर्देश दिया, “NCLT इस आवेदन पर प्राथमिकता के आधार पर एक हफ्ते में फैसला करे।” हालांकि, NCLAT ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उसने मामले के तथ्यों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। Byju’s के पूर्व प्रमोटर की आपत्ति Byju’s के पूर्व प्रमोटर और कंपनी के संस्थापक Byju Raveendran के भाई, रिजु रविंद्रन ने NCLT के 29 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश में NCLT की बेंगलुरु बेंच ने Byju’s के रेज़ोल्यूशन प्रोफेशनल पंकज श्रीवास्तव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने और Glas Trust व Aditya Birla Finance को CoC में वापस शामिल करने का आदेश दिया था।
NCLT ने भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) को निर्देश दिया था कि वह Byju’s की मूल कंपनी “थिंक एंड लर्न” के रेज़ोल्यूशन प्रोफेशनल पंकज श्रीवास्तव के खिलाफ जांच करे। क्या है विवाद? Byju’s के CoC का पुनर्गठन 31 अगस्त, 2024 को किया गया था, जिसमें Glas Trust और Aditya Birla Finance को हटाया गया था। NCLT ने इस पुनर्गठन को अमान्य करार देते हुए दोनों को वापस शामिल करने का आदेश दिया। रिजु रविंद्रन की दलील थी कि जब BCCI के साथ सेटलमेंट के कारण CIRP (Corporate Insolvency Resolution Process) वापस लेने की प्रक्रिया लंबित थी, तो NCLT को CoC के पुनर्गठन का आदेश नहीं देना चाहिए था। उन्होंने यह भी बताया कि BCCI के साथ समझौता CoC के गठन से पहले ही हो गया था और सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें इस सेटलमेंट के बाद उचित कानूनी उपाय अपनाने की छूट दी थी। लेकिन NCLT का आदेश इससे विपरीत है। Byju’s पर इनसॉल्वेंसी कैसे लगी? 16 जुलाई, 2024 को NCLT की बेंगलुरु बेंच ने Byju’s की मूल कंपनी “थिंक एंड लर्न” के खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था। इसके बाद Byju’s के प्रमोटर ने 158 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करने की पेशकश की, जिसके बाद NCLAT ने इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया रद्द कर दी थी। लेकिन Glas Trust, जो अमेरिका स्थित लेंडर्स का प्रतिनिधित्व करता है, ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT के आदेश को रद्द कर दिया और फिर से इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया बहाल कर दी। अब NCLT को तय करना है कि Byju’s के खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया जारी रहेगी या BCCI के साथ हुए सेटलमेंट के आधार पर इसे वापस लिया जाएगा।