विजय सरदेसाई के ‘भारतीयकरण’ वाले बयान पर गरमाई सियासत, बीजेपी ने साधा निशाना

गोवा में ‘भारतीयकरण’ को लेकर सियासी घमासान, बीजेपी और विपक्ष आमने-सामने
पणजी। गोवा में ‘भारतीयकरण’ को लेकर सियासी बहस तेज हो गई है। बीजेपी ने विपक्षी विधायक विजय सरदेसाई पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर लेखक उदय भेंब्रे के बयान पर चुप क्यों हैं? गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के प्रमुख सरदेसाई ने 87 वर्षीय लेखक और पूर्व विधायक भेंब्रे से मुलाकात के बाद बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी गोवा में वही करना चाहती है जो उत्तर प्रदेश में कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी उनकी विचारधारा से सहमत नहीं होता, उसे शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया जाता है। सरदेसाई ने इसे गोवा के ‘भारतीयकरण’ की नई संस्कृति बताते हुए कहा, “यह गलत है, गोवा को ‘बनाना रिपब्लिक’ बना दिया गया है।” जीएफपी विधायक ने यह बयान तब दिया जब बजरंग दल ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर दिए उनके बयान पर विरोध जताते हुए मारगांव स्थित उनके घर के बाहर प्रदर्शन किया। सरदेसाई ने इस प्रदर्शन को “दादागीरी” करार देते हुए कहा, “गोवा को उत्तर प्रदेश और बिहार नहीं बनने देना चाहिए। यहां के लोगों को इतिहास पढ़ने के बाद अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है। अगर किसी को दिक्कत है, तो वे खुले मंच पर बहस कर सकते हैं।”
बीजेपी का पलटवार
फातोर्डा विधायक के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी प्रवक्ता गिरीराज पाई वर्नेकर ने सोशल मीडिया पर लिखा,
“जब विजय सरदेसाई मंत्री बने थे, तब उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली थी। अब वे गोवा के ‘भारतीयकरण’ का रोना रो रहे हैं। यह पाखंड नहीं तो और क्या है?” वर्नेकर ने पूछा, “क्या सरदेसाई झूठे आरोपों का समर्थन कर रहे हैं कि शिवाजी महाराज और उनकी सेना ने महिलाओं का अपहरण किया था? वह भेंब्रे द्वारा दिए गए मराठा सम्राट के अपमानजनक बयान पर चुप क्यों हैं?” उन्होंने आगे कहा कि पुर्तगाली इतिहास “हिंदू विरोधी” रहा है, लेकिन कुछ नेताओं के लिए यह सच्चाई बन गया है। मगर हिंदू महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बजरंग दल का प्रदर्शन और विवाद की जड़
शुक्रवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मारगांव स्थित भेंब्रे के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उस वीडियो को लेकर किया गया था, जिसे भेंब्रे ने सोशल मीडिया पर “जागर” नाम से अपलोड किया था। इस वीडियो में उन्होंने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की आलोचना की थी। दरअसल, हाल ही में शिव जयंती पर एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सावंत ने दावा किया था कि पुर्तगाली शासन के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज ने गोवा के अधिकांश हिस्सों को अपने नियंत्रण में लेकर जबरन धर्मांतरण से हजारों लोगों को बचाया था। भेंब्रे ने सावंत के इस दावे को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि “वे इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं।” बजरंग दल के गोवा संयोजक वीराज देसाई ने भेंब्रे के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि “ऐसा कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है, जो भेंब्रे के दावे को सही ठहराए। वे एक समुदाय को खुश करने के लिए इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।” हालांकि, लेखक उदय भेंब्रे अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।