जशपुर में हाथी के हमले के बाद मुआवजे पर छिड़ा अनोखा विवाद, सामने आईं छह पत्नियां

हाथी के हमले में गई जान, पर मुआवजे को लेकर छिड़ी जंग: छह ‘पत्नियाँ’ कर रहीं हैं दावों की बरसात!
जशपुर में अनोखी उलझन: एक मौत, छह दावेदार!-ज़रा सोचिए, छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक ऐसी घटना हुई है जिसने सबको हैरान कर दिया है। हमारे बीच से सालिक राम टोप्पो नाम के एक व्यक्ति चले गए, वो भी एक हाथी के हमले का शिकार होकर। ऐसे में, सरकार की ओर से मिलने वाले मुआवजे की बात शुरू हुई, लेकिन तभी एक ऐसा मोड़ आया कि सब भौंचक्के रह गए। जैसे ही मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी, अचानक से छह महिलाएं अपने-अपने बच्चों के साथ सामने आ गईं और कहने लगीं कि ‘हम हैं असली पत्नी, और हक हमारा है!’ बस फिर क्या था, मुआवजे को लेकर घमासान छिड़ गया।
छह शादियाँ और अनगिनत बच्चे: कौन है असली वारिस?-स्थानीय लोगों की मानें तो सालिक राम टोप्पो ने अपने जीवनकाल में कुल छह शादियाँ की थीं और हर शादी से उन्हें बच्चे भी हुए। किसी के साथ कुछ साल रहे, तो किसी के साथ थोड़ा ज़्यादा। हालांकि, अपनी ज़िंदगी के आखिरी पड़ाव में वो चिमटापानी गांव में अपनी एक पत्नी और बेटे के साथ रह रहे थे। लेकिन जब उनकी मौत के बाद सरकारी मदद की बात आई, तो बाकी की पांचों ‘पत्नियाँ’ भी अपने बच्चों के साथ हाज़िर हो गईं। अब हर कोई खुद को ‘असली बीवी’ और ‘असली वारिस’ बताकर मुआवजे की रकम पर अपना हक़ जता रहा है।
गाँव में अजब किस्सा, प्रशासन के सिर पर माथापच्ची!-यह पूरा मामला इन दिनों पूरे गाँव में चर्चा का विषय बना हुआ है। जहाँ कुछ लोग इसे मज़ाकिया बता रहे हैं, वहीं प्रशासन के लिए यह किसी पहेली से कम नहीं है। सुनने में यह भी आया है कि अलग-अलग महिलाओं के बच्चों ने तो गाँव के सरपंच से बाकायदा ‘पंचनामा’ भी बनवा लिया है, जिसमें उन्हें सालिक राम का वारिस बताया गया है। अब सबसे बड़ी दुविधा यह है कि इस मुआवजे की रकम आखिर जाए किसके पास? असली हकदार कौन है, यह तय करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
सबूतों और जाँच से होगा फैसला: कौन पाएगा मुआवज़ा?-वन विभाग के अधिकारी, कृपा सिंधु पैंकरा, इस पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि मुआवज़े की प्रक्रिया तो चल ही रही है, लेकिन अब मृतक की कथित पत्नियाँ, उनके बच्चे और यहाँ तक कि उनके दामाद भी सामने आकर दावे कर रहे हैं। अधिकारी का कहना है कि गाँव के सरपंच की सहमति और पूरी जाँच-पड़ताल के बाद ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल, सभी महिलाओं से कहा गया है कि वे अपने दावों के समर्थन में उचित प्रमाण और दस्तावेज़ पेश करें। जो भी महिला अपने दावों को सही साबित कर पाएगी, उसी के नाम मुआवज़े की राशि स्वीकृत की जाएगी।



