Madhya Pradesh

भोपाल में गरबा महोत्सव पर कड़ी निगरानी: आईडी प्रूफ और सीसीटीवी अनिवार्य

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भोपाल में नवरात्रि: सुरक्षा का कड़ा पहरा, गरबा पंडालों में नए नियम!

उत्सव का उल्लास और सुरक्षा का संकल्प-भोपाल शहर में नवरात्रि का त्योहार पूरे जोश और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। हर तरफ गरबा और डांडिया की धूम मची हुई है, लोग पारंपरिक गीतों और नृत्यों में लीन हैं। लेकिन इस बार के उत्सव में सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने खास ध्यान दिया है। भोपाल कलेक्टर के नए आदेशों के अनुसार, अब हर गरबा पंडाल में सीसीटीवी कैमरे लगाना बिल्कुल ज़रूरी है। इतना ही नहीं, पंडाल में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को अपना पहचान पत्र दिखाना होगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि उत्सव का माहौल शांतिपूर्ण बना रहे और विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। पिछले कुछ सालों के अनुभवों को देखते हुए, जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस बार सुरक्षा के मामले में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आयोजकों को अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभानी होगी। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी भक्त बिना किसी चिंता के उत्सव का आनंद ले सकें।

राजनीतिक समर्थन और कड़े तेवर-भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने भोपाल कलेक्टर के इस फैसले का तहे दिल से समर्थन किया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार हमेशा से महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती आई है, और यह फैसला उसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी असामाजिक तत्व को गरबा पंडालों में घुसने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके लिए आयोजकों और पुलिस प्रशासन दोनों को पूरी तरह से सतर्क रहना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति हमारी बहन-बेटियों पर गलत नज़र डालने की कोशिश करता है, तो सरकार उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विधायक शर्मा के अनुसार, ऐसे कदम त्योहारों को सुरक्षित बनाने और समाज में विश्वास का माहौल बनाने के लिए बेहद आवश्यक हैं। यह सुनिश्चित करता है कि उत्सव का आनंद सभी को सुरक्षित रूप से मिले।

कांग्रेस की चिंताएं और सवाल-जहां एक ओर सरकार और भाजपा नेता इस सुरक्षा व्यवस्था की सराहना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा है कि हर साल प्रशासन इसी तरह के नए नियम लेकर आता है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों के मन में डर पैदा करना है। उनका यह भी कहना है कि पिछले दस सालों से यह कहा जा रहा है कि दूसरे धर्मों के लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होता। नायक का आरोप है कि अधिकारी सिर्फ भाजपा नेताओं को खुश करने के लिए ऐसे आदेश जारी कर रहे हैं। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि आखिर किस संविधान में यह लिखा है कि कौन त्योहार में शामिल हो सकता है और कौन नहीं। कांग्रेस का मानना है कि इस तरह के आदेशों से समाज में अनावश्यक तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है।

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