Madhya Pradesh

महाकाल मंदिर में अवैध वसूली पर लगाम, भक्तों से पूछताछ कर रहा प्रशासन

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उज्जैन (महाकाल भस्म आरती): अगर आपको मंदिर से कोई फोन आए और पूछा जाए कि “क्या भस्म आरती के दर्शन के लिए आपसे तय शुल्क (200 रुपये) से ज्यादा पैसे लिए गए?”, तो चौंकिए मत। अब महाकाल मंदिर प्रशासन, भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं से सीधे फीडबैक ले रहा है। भस्म आरती के नाम पर अवैध वसूली पर शिकंजा महाकाल मंदिर में दर्शन और भस्म आरती के नाम पर अवैध वसूली के कई मामले सामने आ चुके हैं। भक्तों से तय शुल्क से अधिक पैसे लिए जाते हैं, और इसमें कई बार मंदिर के ही कुछ कर्मचारी और दलाल शामिल रहते हैं। भस्म आरती दर्शन के लिए 200 रुपये और प्रोटोकॉल दर्शन के लिए 250 रुपये शुल्क निर्धारित है। यह राशि ऑनलाइन या मंदिर के कैश काउंटर पर जमा करनी होती है, लेकिन कुछ कर्मचारी और दलाल भक्तों से ज्यादा पैसे वसूल कर रहे थे। आम श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह में प्रवेश पहले से प्रतिबंधित है, फिर भी कुछ लोग गर्भगृह में दर्शन कराने के नाम पर पैसे वसूल रहे थे। अब होगा सख्त एक्शन, भक्तों से लिया जाएगा फीडबैक इस अवैध वसूली को रोकने के लिए मंदिर प्रशासन ने अब श्रद्धालुओं से सीधा फीडबैक लेने की प्रक्रिया शुरू की है। इससे अवैध रूप से पैसे वसूलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। कलेक्टर ने पकड़ा था भ्रष्टाचार का बड़ा गिरोह दिसंबर 2024 में मंदिर निरीक्षण के दौरान उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने एक बड़े भ्रष्टाचार गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इस गिरोह में मंदिर कर्मचारियों सहित जिला प्रोटोकॉल कार्यालय की सत्कार शाखा में काम करने वाले लोग शामिल थे।

इस मामले में पुलिस ने मंदिर समिति की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया और 14 लोगों को आरोपी बनाया गया।
इनमें से 10 लोग जेल में हैं, जबकि बाकियों पर इनाम घोषित कर दिया गया है। भस्म आरती और वीआईपी दर्शन के नाम पर होती थी अवैध वसूली कुछ लोग भस्म आरती के लिए अनुमति दिलाने, गर्भगृह के करीब से दर्शन कराने और नंदी मंडपम से वीआईपी दर्शन कराने के नाम पर पैसे वसूल रहे थे। इसमें मंदिर के कुछ कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी और बाहर फूल-माला बेचने वाले कुछ लोग भी शामिल पाए गए। मंदिर प्रशासन इस पर पूरी तरह रोक लगाने की कोशिश कर रहा है, ताकि किसी भी श्रद्धालु को दलालों के चंगुल में न फंसना पड़े। कैसे होती है भस्म आरती की अनुमति? 300 श्रद्धालुओं को प्रतिदिन मुफ्त में भस्म आरती की अनुमति दी जाती है। ऑनलाइन या प्रोटोकॉल से अनुमति लेने वालों को 200 रुपये शुल्क देना होता है। प्रोटोकॉल दर्शन के लिए 250 रुपये तय किए गए हैं, लेकिन इसके लिए सांसद, विधायक, मंत्री या सरकारी विभागों के प्रमुख की सिफारिश जरूरी होती है। भक्तों को सावधान रहने की जरूरत भस्म आरती के लिए सीमित 1700 सीटें होती हैं, इसलिए कुछ लोग इसका फायदा उठाकर श्रद्धालुओं से हजारों रुपये वसूलने की कोशिश करते हैं। अब मंदिर प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि यह व्यवस्था पारदर्शी बने और किसी भी श्रद्धालु से तय राशि से अधिक पैसे न लिए जाएं। अगर किसी से अवैध वसूली होती है, तो तुरंत मंदिर प्रशासन को सूचित करें।

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