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अमित शाह का बड़ा बयान: MK स्टालिन पर हमला, कहा- “काला काम करने वालों को काले बिल कहने का हक़ नहीं”

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 अमित शाह का करारा जवाब: ‘काला बिल’ कहने वालों के अपने ‘काले कारनामे’

स्टालिन के ‘ब्लैक बिल’ वाले बयान पर गृह मंत्री का तीखा पलटवार-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के उस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है, जिसमें उन्होंने 130वें संविधान संशोधन विधेयक को ‘काला बिल’ कहा था। शाह ने साफ शब्दों में कहा कि स्टालिन को ऐसा कहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि असली ‘काले काम’ तो उनकी अपनी सरकार कर रही है। गृह मंत्री ने तो यहाँ तक कह दिया कि डीएमके की सरकार देश की ‘सबसे भ्रष्ट सरकार’ है, जो जनता के विश्वास को तोड़ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी और थिरुक्कुरल: सुशासन का संगम-अमित शाह ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने बताया कि कैसे मोदी ने हमेशा तमिल की प्राचीन और महान कृति ‘थिरुक्कुरल’ में बताए गए आदर्शों को अपने शासन में अपनाया है। शाह का मानना है कि मोदी बिल्कुल वैसे ही आदर्श शासक हैं, जैसा कि थिरुक्कुरल में वर्णित है। इस तुलना के माध्यम से उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि केंद्र सरकार पूरी ईमानदारी और निष्ठा से जनता के भले के लिए काम कर रही है, जबकि दूसरी ओर डीएमके सरकार सिर्फ घोटालों और भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।

तमिलनाडु सरकार के कथित घोटालों पर तीखा हमला-अपने संबोधन में अमित शाह ने तमिलनाडु सरकार के कई कथित घोटालों का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि डीएमके के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के. पोनमूडी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं, हाल ही में मंत्री वी. सेंथिलबालाजी तो जेल में बंद होने के बावजूद मंत्री पद पर बने रहे। शाह ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या जेल में बंद किसी व्यक्ति को मंत्री पद पर बने रहने और शासन चलाने का अधिकार है? यह सवाल सीधे तौर पर सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाया गया है।

‘गंदे काम करने वाले, बिलों को काला न कहें’-गृह मंत्री अमित शाह ने स्टालिन पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “जब आपकी अपनी सरकार पर लगातार भ्रष्टाचार और गलत कामों के आरोप लग रहे हों, तो आपको किसी भी विधेयक को ‘ब्लैक बिल’ कहने का कोई हक नहीं बनता।” उन्होंने इसे जनता को गुमराह करने की एक सोची-समझी चाल बताया। शाह ने जोर देकर कहा कि सच्चाई तो यह है कि डीएमके सरकार पूरी तरह से परिवारवाद और भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द ही घूमती है और इसी पर टिकी हुई है।

सोनिया गांधी और स्टालिन: एक ही सिक्के के दो पहलू-अमित शाह ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का एकमात्र लक्ष्य अपने बेटे राहुल गांधी को किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री बनाना है। ठीक इसी तरह, उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन पर भी निशाना साधा और कहा कि उनका भी बस यही सपना है कि किसी तरह अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया जाए।

‘एनडीए की जीत तय, दोनों के सपने होंगे चूर-चूर’-अमित शाह ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि आने वाले समय में जनता न तो सोनिया गांधी के सपने को पूरा होने देगी और न ही स्टालिन की इस महत्वाकांक्षा को। उन्होंने दावा किया कि एनडीए गठबंधन एक बार फिर से भारी बहुमत से चुनाव जीतेगा। शाह ने यह भी कहा कि विपक्ष की इस तरह की राजनीति का जवाब जनता खुद देगी और उन्हें उनकी जगह दिखाएगी।

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