मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में लाड़ली बहनों के हित में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में किए गए महत्वपूर्ण संशोधन के फलस्वरुप 21 से 23 वर्ष आयु वर्ग की बहनों के नाम जोड़े जाने का कार्य चल रहा है। जिन पात्र बहनों के नाम छूट गए हैं उनके नाम अनिवार्य रूप से जोड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्पष्ट किया कि ट्रेक्टर धारक परिवार भी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे। ऐसे परिवारों की लाड़ली बहनों के नाम भी प्रतिमाह राशि दिए जाने के लिए जोड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज विकास पर्व के अंतर्गत अनूपपुर में 5600 करोड़ रुपए लागत की 660 मेगावाट क्षमता के विद्युत गृह की नवीन सुपर क्रिटिकल इकाई का शिलान्यास किया। यह इकाई अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई की विस्तार इकाई है। आज अनूपपुर जिले को अनेक सौगातें मिलीं।
कार्यक्रम में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, जनजातीय कार्य और अनूपपुर जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह सहित अनेक जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान का अनूपपुर में जनदर्शन यात्रा के दौरान अभूतपूर्व स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान बहनों ने आरती उतारी। मैं बहनों के जीवन में अंधेरा नहीं आने दूंगा। आज बहनों ने यहां फूलों से मेरा स्वागत किया है। मैं उनके जीवन में कभी भी कांटे नहीं आने दूंगा।
लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन के लिये 15 हजार करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला सम्मेलन में कहा कि 10 अगस्त को दोपहर एक बजे रीवा से वे प्रदेश की लाड़ली बहनों के खातों में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की मासिक किश्त की राशि अंतरित करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह योजना गृहणियों को घर के कई छोटे-मोटे कार्यों में सहयोगी बनी है। वर्तमान में योजना के क्रियान्वयन पर 15 हजार करोड़ रुपए की राशि व्यय की जा रही है। वर्तमान में एक हजार रुपए हर प्रतिमाह लाड़ली बहनों को दी जा रही है। आवश्यक वित्त व्यवस्थाएं करते हुए यह राशि प्रतिमाह तीन हजार करने का लक्ष्य है। पूर्व सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, सहरिया और भारिया को प्रतिमाह मिलने वाली एक हजार रुपए की राशि देना बंद कर दी थी। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, बहनों को प्रसव के लिए 16 हजार रुपए की राशि और अन्य सुविधाओं को बंद कर दिया गया था। इन सभी योजनाओं को फिर से शुरू कर गति प्रदान की गई है। सड़क, पानी, बिजली, सिंचाई, खाद्यान्न वितरण, स्वास्थ्य क्षेत्र, शिक्षण सुविधाओं के विकास के साथ ही किसानों के हित में कल्याणकारी कार्यक्रम निरंतर चल रहे हैं।
स्टोरेज वियर का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनूपपुर में 6 करोड़ 94 लाख रुपए की लागत से जैतहरी के पास सोन नदी पर निर्मित चोलना स्टोरेज वियर का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अधोसंरचनात्मक विकास से नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है। जिले में आम जनता के लिए विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुविधाओं का विकास हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान को भगवान श्रीराम की प्रतिमा भेंट
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आज अनूपपुर नगर के जन दर्शन के दौरान जिले के नागरिकों ने भव्य स्वागत करते हुए उन्हें भगवान श्री राम की प्रतिमा भेंट की। मुख्यमंत्री श्री चौहान को ब्राह्मण समाज ने भगवान परशुराम का चित्र भेंट कर अभिनंदन किया।
विभिन्न सामाजिक संगठनों ने किया भव्य स्वागत
जनदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान का विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शाल, श्रीफल एवं पुष्प मालाओं से भव्य स्वागत किया। स्वागत करने वाले संगठनों में भारत विकास परिषद, पीआरटी महाविद्यालय, पनिका समाज, महिला संगठन, राठौर समाज प्रमुख। इसी प्रकार कोल समाज, अधिवक्ता संघ, कुर्मी क्षत्रिय पटेल समाज एवं कोटवार संघ ने भी स्वागत किया। इसके अलावा गौ-सेवक संघ, जिला जन स्वास्थ्य रक्षक, दवा विक्रेता संघ, रोगी कल्याण कर्मचारी संघ, कर्मचारी संघ, आजीविका मिशन, आशा कार्यकर्ता, रोजगार सहायक संघ, विद्यालय परिवार के विद्यार्थी, मेकल क्लब अनूपपुर, विप्र समाज, ताम्रकार समाज, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, लाडली भांजी, सर्व जन सुखाय, सामाजिक संस्था, केशरवानी वैश्य समाज, नवाकुंर संस्था, शुभम संस्था, सोनी समाज, अतिथि शिक्षक संघ,कोविड-19 संघ, मेहरा समाज, निशात वंशीय समाज, केवट समाज तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संघ भी स्वागत करने वाले संगठनों में शामिल रहे।
जनदर्शन में दिखा जन उत्साह
अनूपपुर की सड़कों पर जन दर्शन में व्यापक जन उत्साह दिखाई दिया। अनेक जन-प्रतिनिधि भी जनदर्शन में उपस्थित थे।
रंगारंग लोक नृत्यों की प्रस्तुति हुई, मुख्यमंत्री ने भी की साझेदारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रोड शो के दौरान लोक नृर्तकों के साथ नृत्य कर नर्तकों का उत्साहवर्धन किया। ग्राम परसवाह एवं पिपरहा के गुदुम्ब नृतक दलों ने बांसुरी की सुमधुर की ध्वनि और मादर की ताल पर रंगारंग नृत्य प्रस्तुत किए।