Madhya Pradesh

किसानों को दलहन और तिलहन उत्पादन के लिए भी करें प्रोत्साहित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में सोयाबीन फसल उत्पादन में बीते वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार सोयाबीन का उपार्जन जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि सोयाबीन के अलावा किसानों को दलहन और तिलहन फसलों के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके लिए किसानों के साथ चर्चा कर योजना बनाई जाएगी। उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में अधिक लाभ है, इसलिए किसानों को उद्यानिकी फसलों की ओर प्रवृत्त किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास में सोयाबीन उपार्जन की समीक्षा बैठक में यह बात कही। सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव एवं कृ‍षि उत्पादन आयुक्त श्री मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव सहकारिता श्री अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरूण शमी, सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास श्री एम. सेलवेन्द्रन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उपार्जन के बाद भुगतान भी जल्द से जल्द हो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी सोयाबीन उत्पादक किसानों से उपार्जन कर उन्हें जल्द से जल्द भुगतान भी सुनिश्चित किया जाए। उपार्जन में किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई या बारदाने की समस्या न आने पाए। उपार्जित सोयाबीन का उठाव और भंडारण विधिवत तरीके से हो और उपज को ओला-पाला एवं बारिश से बचाया जाये।

31 दिसम्बर तक होगा सोयाबीन उपार्जन बैठक में सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने जानकारी दी कि प्रदेश में सोयाबीन उपार्जन 25 अक्टूबर से किया जा रहा है, जो 31 दिसम्बर तक चलेगा। गत 26 दिसम्बर तक 2 लाख 4 हजार किसान अपना सोयाबीन बेच चुके हैं। इन किसानों से 5 लाख 89 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन उपार्जित किया गया है। आगामी 31 दिसम्बर तक करीब साढ़े 6 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन उपार्जन का अनुमान है। प्रदेश में भोपाल संभाग में सर्वाधिक 180198.04 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन उपार्जित किया गया है। उज्जैन संभाग में 149974.54 लाख मीट्रिक टन, सागर संभाग में 93495.33 लाख मीट्रिक टन एवं नर्मदापुरम संभाग में 93287.44 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन उपार्जित किया गया है। सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4 हजार 892 रूपए प्रति क्विंटल है। किसानों को 1957.1 करोड़ रूपए उपार्जन राशि का भुगतान अब तक किया जा चुका है।

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