मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ईश्वर प्राप्ति के तीन मार्ग ज्ञान, भक्ति और कर्म के सिद्धांतों की व्याख्या…..
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज विदिशा जिले में भोपाल-सागर एक्सप्रेसवे के निकट श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ, श्रीमद् भागवत कथा एवं संत समागम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आत्मा के उद्धार और जगत के हित के लिए किया गया कार्य सत्य है। विदिशा मेरी कर्मभूमि थी और आज भी है। यहां भक्ति की गंगा बहती है और चारों ओर आनंद की वर्षा करती है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ईश्वर प्राप्ति के तीन मार्ग ज्ञान, भक्ति और कर्म के सिद्धांतों की व्याख्या की। उन्होंने प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को मेहनत करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि जनता को सही दिशा दिखाना और उन्हें सुखी बनाना ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रोताओं से कहा कि यदि गुरु है तो बच्चों को उचित शिक्षा दें, यदि डॉक्टर हैं तो उनके साथ अच्छा व्यवहार करें और गरीबों से पैसे न मांगें. अगर वह कर्मचारी है तो उसे रिश्वत नहीं लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह और मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य बेटियों और महिलाओं का उत्थान है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच करने और अपराधों को दंडित करने के लिए राज्य में नए कानून बनाए गए हैं।
कथावाचक पं. शास्त्री को शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कथा स्थल पर पहुंचकर सर्वप्रथम कथावाचक पंडित श्री धीरेन्द्र शास्त्री को शाल-श्रीफल भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने भजन भी गाए, जिसमें श्रद्धालु भी शामिल हुए।
विदिशा सांसद श्री रमाकांत भार्गव, विधायक श्री हरि सिंह सप्रे, लीना जैन, राजश्री सिंह एवं श्री रामपाल सिंह राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री गीता रघुवंशी, ग्राम अध्यक्ष सुश्री प्रीति शर्मा, उप सांसद श्री राकेश शर्मा, श्री. कैलाश रघुवंशी, डॉ. राकेश जादौन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।