कलेक्टर श्री रिमिजियुस एक्का ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाईजर, ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं चाईल्ड लाईन को जिले के क्षेत्रों में बाल विवाह राकने हेतु उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया है, इस दिवस को बड़ी संख्या में विवाह सम्पन्न होते हैं। अतएव अन्य दिवसों के साथ-साथ विशेष रूप से अक्षय तृतीया को निगरानी रखने की आवश्यकता है की जिले में कही भी बाल विवाह न हो इसके लिए जिला प्रशासन सतर्क भी है। इसी कड़ी में सूचना प्राप्त हुई की विकासखण्ड शंकरगढ़ के अंतर्गत ग्राम परेवा में बाल विवाह हो रही है। सूचना प्राप्त होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाईजर, ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम के द्वारा
ग्राम परेवा पहुंचकर बालक के माता-पिता एवं सगे संबंधियों को समझाईश देकर बाल विवाह होने से रोका गया। साथ ही वहां उपस्थित लोगों को बताया गया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। विवाह हेतु लड़के की उम्र 21 वर्ष तथा लड़की की उम्र 18 वर्ष निर्धारित है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर ऐसी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करता है तो उसे दो वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 01 लाख रूपये तक हो सकता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिलेवासियों से अपील की है कि लड़के का उम्र 21 वर्ष तथा लड़की की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात ही विवाह करें। यदि किसी व्यक्ति को बाल विवाह की जानकारी प्राप्त होती है तो जिला बाल संरक्षण अधिकारी मोबाइल नम्बर 9826278915 या टोल फ्री नम्बर 1098 पर कॉल करके एवं अपने ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, शिक्षक, कोटवार, तहसीलदार, थाना प्रभारी, पर्यवेक्षक एवं ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता को अविलंब सूचित करें। आपकी जानकारी गोपनीय रखी जायेगी।
- टैग: