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शेयर बाजार में भूचाल, निवेशकों को ₹7.46 लाख करोड़ का नुकसान

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शेयर बाजार में भारी गिरावट, निवेशकों को ₹7.46 लाख करोड़ का झटका

शुक्रवार सुबह घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों को करीब ₹7.46 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। सेंसेक्स में 1,000 से ज्यादा अंकों की गिरावट आई, जिसका असर पूरे बाजार पर दिखाई दिया। वैश्विक बाजारों में कमजोरी और विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी ने इस गिरावट को और तेज कर दिया।

सेंसेक्स में भारी गिरावट, कई दिग्गज कंपनियां धड़ाम

बीएसई सेंसेक्स सुबह के कारोबार में 1,032.99 अंक या 1.38% गिरकर 73,579.44 पर पहुंच गया। इसके चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप घटकर ₹3,85,63,562.91 करोड़ (लगभग 4.42 ट्रिलियन डॉलर) रह गया।

इन शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट:

  • टेक महिंद्रा
  • इंडसइंड बैंक
  • मारुति
  • एचसीएल टेक
  • टीसीएस
  • इंफोसिस
  • महिंद्रा एंड महिंद्रा
  • टाइटन

हालांकि, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अदाणी पोर्ट्स जैसे कुछ शेयर बढ़त में रहे।

वैश्विक बाजारों में भी बिकवाली का दबाव

एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हॉन्ग कॉन्ग में भी भारी गिरावट देखी गई। अमेरिका में भी बाजार गुरुवार को तेज गिरावट के साथ बंद हुए।

गिरावट की मुख्य वजहें:

  • अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए टैरिफ (शुल्क) लगाने की धमकी, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
  • विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकालना।
  • अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी।

आगे क्या होगा?

रिलायंस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड विकास जैन ने कहा, “अमेरिकी बाजार पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। ट्रंप की नई टैरिफ नीति के चलते वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है।” वहीं, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी.के. विजयकुमार ने कहा, “शेयर बाजार अनिश्चितता पसंद नहीं करता। ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान ने बाजार को झटका दिया है। अब यह देखना होगा कि चीन इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।”

विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी

गुरुवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार से ₹556.56 करोड़ की निकासी की।

क्रूड ऑयल में भी गिरावट

वैश्विक तेल बाजार में भी कमजोरी दिखी। ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.51% गिरकर 73.66 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई। कुल मिलाकर, शेयर बाजार में बनी यह अनिश्चितता निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

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