Chhattisgarh

भिवानी के गाँव बड़वा में-आस्था के साथ खेल संस्कृति का प्रवाह ‘लोकदेवता बाबा रामदेव मेला’

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छत्तीसगढ़: भिवानी के गाँव बड़वा में लगने वाले बाबा रामदेव के मेले में हर वर्ष हजारों धर्म-प्रेमी लोकदेवता बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आते हैं। मेले में तरह-तरह की दुकानें सजाई जाती है। अनेक प्रकार के झूले डलते हैं और खेलों का आयोजन किया जाता है। शुरुआती दौर में मेले में ऊंटों का नृत्य और दौड़ आकर्षण का केंद्र बनते थे। वर्ष 1994 से यहाँ बाबा रामदेव मेला समिति मेले का आयोजन करवाती आ रही है। शुरुआती खेल प्रतियोगिताओ में ऊंटों की दौड़ मुख्य आकर्षण का केंद्र होती थी और ऊंट मैदान में नृत्य करते थे। उनकी जगह अब आधुनिक खेलों ने ले ली है, जिसमे लड़कियों और महिलाओं की तरह-तरह की खेल प्रतियोगिताएँ शामिल है। हर साल की भांति इस साल भी यह मेला 7 फरवरी को बड़ी धूमधाम के साथ बाबा रामदेव मेला प्रांगण में आयोजित होगा और राजीव गांधी खेल स्टेडियम में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। कमेटी के संस्थापक प्रधान मास्टर छोटूराम, वर्तमान प्रधान प्रदीप जांगड़ा और खेल कमेटी के अध्यक्ष लालसिंह लालू ने बताया कि देशभर में माघ शुद्धि दसवीं के दिन लगने वाले इस मेले में बड़वा धर्मनगरी में हजारों धर्म प्रेमी बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आएंगे और मेले में खिलौनों और प्रसाद की दुकानें सजाई जाएगी। जय बाबा रामदेवरा की।

-डॉ. सत्यवान सौरभ वर्तमान में कलयुग के देवता कहे जाने वाले लोक देवता बाबा रामदेव जी का जन्म स्थल राजस्थान के जैसलमेर जिले का गाँव रामदेवरा है। जहाँ अजमल जी के घर बाबा रामदेव ने जन्म लिया था। तब इनके जन्म के साथ राजा अजमल जी के घर में कुमकुम के पांव उनके घर में बने थे। बाबा रामापीर के जन्मदिवस को भगत और ग्रामीण जन अत्यंत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। पश्चिमी राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव जी का मेला पूरे भारत में प्रसिद्ध है। बाबा रामदेव जी की असीम कृपा से इस वर्ष माघ शुद्धि दसवीं मेला पूरे देश में 7 फरवरी 2025 को हर्षोल्लास के साथ आयोजित होगा। जिसमें भगत और भगवान दोनों एक साथ होंगे। इसी कड़ी में राजगढ़-हिसार मुख्य सड़क मार्ग पर खंड सिवानी मंडी के गाँव बड़वा की पहचान यहाँ आयोजित होने वाले बाबा रामदेव मेला और खेल समिति के समारोह से जुड़ी है। यहाँ आयोजित होने वाले बाबा रामदेव मेले एवं खेल प्रतियोगिता का जश्न व आकर्षण का केंद्र समारोह के दौरान आयोजित करवाई जाने वाली तरह-तरह की दौड़ों, कुश्तियों, कबड्डी, मटका दौड़ और अन्य दौड़ एवं खेलों से होती है।

गाँव में हर साल बाबा रामदेव मेला एवं खेल प्रतियोगिता करवाई जाती है। इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त के साथ बाबा रामदेव मंदिर में दीप प्रज्जवलन के बाद गाँव के राजीव गांधी खेल स्टेडियम के मैदान में ध्वजारोहण होता है। इसके बाद तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। रोहसड़ा जोहड़ स्थित बाबा रामदेव मंदिर में पूरा दिन पूजा-अर्चना होती है, और खेल मैदान में खेल प्रतियोगिताएँ। इसमें राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के हजारों लोग शामिल होते हैं। शुरुआती दौर में मेले में ऊंटों का नृत्य और दौड़ आकर्षण का केंद्र बनते थे। वर्ष 1994 से यहाँ बाबा रामदेव मेला समिति मेले का आयोजन करवाती आ रही है। उस दौरान की खेल प्रतियोगिता में ऊंटों की दौड़ मुख्य आकर्षण का केंद्र होती थी और ऊंट मैदान में नृत्य करते थे। विजेता को सम्मानित किया जाता था। उनकी जगह अब आधुनिक खेलों ने ले ली है, जिसमे लड़कियों और महिलाओं की तरह-तरह की खेल प्रतियोगिताएँ शामिल है। इसके अलावा मेले में घोड़ों, कुश्ती, कबड्डी, मटका दौड़ महिलाओं के लिए तरह-तरह की दौड़ के विजेताओं को भी बड़े-बड़े नाम देकर सम्मानित किया जाता है, बाबा रामदेव मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है लेकिन यहाँ मेले का आयोजन साल 1994 से शुरू किया गया।

जहाँ तक आस्था का केंद्र बने इस मंदिर की स्थापना का सवाल है तो गाँव की बुज़ुर्ग महिला स्वर्गीय पदमा देवी पत्नी श्री रामकरण गैदर ने सैंकड़ों साल पहले अपनी धार्मिक श्रद्धा के फलस्वरूप की। रामदेवरा या रूणेचा धाम जो कि राजस्थान के जैसलमेर में पड़ता है और देश विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। उनकी भक्ति और श्रद्धा के फलस्वरूप उन्होंने अपने गाँव में बाबा रामदेव मंदिर की नींव रखी। उनकी सोच थी कि उसके गाँव में बाबा रामदेव मंदिर की स्थापना हो और जो लोग सैंकड़ों मील रामदेवरा नहीं जा पाते वह यही से बाबा के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करे। तब से लेकर आज तक इस मंदिर के प्रति गाँव बड़वा के निवासियों ही नहीं, आस-पास के लोगों की अपार श्रद्धा है और यह कारवां जैसे-जैसे आगे बढ़ा तो बाबा रामदेव मेला समिति का गठन हुआ। समिति ने सन 1994 से यहाँ पर एक मेले और खेल प्रतियोगिता का आधिकारिक आयोजन करना शुरू कर दिया। वैसे भी अन्य बातों को लेकर रोमांचक है गाँव बड़वा का इतिहास।

भिवानी के सिवानी मंडी खंड का गाँव बड़वा हरियाणवी फ़िल्मों में भी मशहूर है। सालों पहले यहाँ पर हरियाणवी फ़िल्म चंद्रावल को यहाँ के केसर तालाब पर फ़िल्माया गया। इसके लिए हरियाणा के जाने-माने कलाकार यहाँ पर पहुँचे थे। यही नहीं यहाँ की हवेलियाँ ऐतिहासिक है और इन हवेलियों का ज़िक्र हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत से जुड़े अभिलेखों में भी किया गया है। यहाँ 36 बिरादरी के लोग आपसी भाईचारे से रहते हैं। गाँव बड़वा में हर कोने पर आपको मंदिर देखने को मिल जाएंगे इसलिए गाँव बड़वा को छोटी काशी से कम नहीं आंका जाना चाहिए। गाँव बड़वा में लगने वाले बाबा रामदेव के मेले में हर वर्ष हजारों धर्म-प्रेमी बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आते हैं। मेले में तरह-तरह की दुकानें सजाई जाती है। वहीं अनेक प्रकार के झूले और खेलों का आयोजन किया जाता है। बाबा रामदेव मेला कमेटी के वर्तमान प्रधान प्रदीप जांगड़ा बताते हैं कि हर साल की भांति इस साल भी यह मेला 7 फरवरी को बड़ी धूमधाम के साथ बाबा रामदेव मेला प्रांगण में आयोजित होगा और राजीव गांधी खेल स्टेडियम नेतृत्व खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। कमेटी के संस्थापक प्रधान मास्टर छोटूराम और खेल कमेटी के अध्यक्ष लालसिंह लालू ने बताया कि देशभर में दसवीं के दिन लगने वाले इस मेले में बड़वा धर्मनगरी में हजारों धर्म प्रेमी बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आएंगे और मेले में खिलौनों और तरह-तरह की प्रसाद की दुकानें सजाई जाएगी। जय बाबा रामदेवरा की।

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