अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान की शहबाज सरकार के बजट पर निशाना साधा है। आईएमएफ ने वर्ष 2023-24 के बजटीय ढांचे पर गंभीर आपत्ति जताई है। आईएमएफ ने शाहबाज सरकार से कर और गैर कर राजस्व बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि आईएमएफ ढांचे से संतुष्ट नहीं था। आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तान पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाए। इस बीच रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चेतावनी दी है कि आईएमएफ बेलआउट पैकेज मिलने की पाकिस्तान की उम्मीदें अब फीकी पड़ गई हैं।
मूडीज ने यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की है जब शाहबाज सरकार विदेशी कर्ज चुकाने में असमर्थ साबित हो रही है। मूडी ने कहा कि अगर 6.7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज पूरा नहीं हुआ तो पाकिस्तान डिफॉल्ट कर सकता है। सिंगापुर में एक विश्लेषक ग्रेस लिम ने कहा कि एक जोखिम बढ़ रहा था कि पाकिस्तान आईएमएफ कार्यक्रम को पूरा नहीं कर पाएगा, जो जून के अंत में समाप्त होने वाला है। लिम ने कहा कि पाकिस्तान आईएमएफ कार्यक्रम के बिना डिफॉल्ट कर सकता है। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार भी बहुत कम बचा है।
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पाकिस्तान को साल 2023-24 में 23 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है। यह इसके 3 अरब डॉलर के कुल विदेशी मुद्रा के 7 गुना से भी ज्यादा है। इसमें चीन का कर्ज बहुत बड़ा है। इस बीच पाकिस्तानी रुपया भी डॉलर के मुकाबले लगातार दबाव में है। इस संकट से निकलने के लिए अब पाकिस्तान सरकार एक बार फिर चीन से कर्ज की गुहार लगाने जा रही है. पाकिस्तान में राजनीतिक हालात खराब हैं और महंगाई चरम पर है। जिससे लोगों को ठीक से खाना नहीं मिल पाता है।
पाकिस्तान में डॉलर का भंडार
पाकिस्तान वैसे भी IMF को मनाने की आखिरी कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान के पास 2 बिलियन डॉलर का क्रेडिट गैप है और विनिमय दर नीति भी इस पैकेज के रास्ते में एक बड़ी बाधा है। पाकिस्तान सरकार दावा कर रही है कि वह ऋण दायित्वों को पूरा करेगी लेकिन निवेशक अभी भी डरे हुए हैं। पाकिस्तान ने चीन से 1 अरब डॉलर का कर्ज लौटाया है, जिससे उसका विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से नीचे आ गया है।