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कोयला आयात में नहीं दिखी बढ़ोतरी, अप्रैल-दिसंबर में 201 मिलियन टन दर्ज

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भारत में कोयले का आयात स्थिर, घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर

भारत में चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर के बीच कोयले का आयात लगभग स्थिर रहा। इस दौरान कुल 201.30 मिलियन टन (MT) कोयले का आयात हुआ, जो पिछले साल की इसी अवधि में 201.52 मिलियन टन था। यह आंकड़े ई-नीलामी सेवा प्रदाता कंपनी mjunction services द्वारा जारी किए गए हैं।

दिसंबर में घटा आयात

दिसंबर 2024 में कोयले का आयात घटकर 19.28 मिलियन टन रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में 23.35 मिलियन टन कोयला आयात किया गया था। अप्रैल-दिसंबर 2024 की अवधि में नॉन-कोकिंग कोयले का आयात 128.85 मिलियन टन दर्ज किया गया, जो पिछले साल की तुलना में कम है (2023 में 133.46 मिलियन टन)। इसी अवधि में कोकिंग कोयले का आयात 40.64 मिलियन टन रहा, जो पिछले साल 42.81 मिलियन टन था। mjunction के एमडी और सीईओ विनय वर्मा का कहना है कि देश में कोयले के पर्याप्त भंडार और अपेक्षा से कम मांग के चलते आयात में गिरावट आई है। आने वाले हफ्तों में भी मांग में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की संभावना है।

सरकार का घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर फोकस

कोयला और खदान मंत्री गंगापुरम किशन रेड्डी ने हाल ही में कहा कि सरकार कोयले के आयात को कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर सबसे बड़े कोयला भंडार वाला देश है और यह दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। कोयला देश की ऊर्जा जरूरतों का 55% पूरा करता है और लगभग 74% बिजली उत्पादन थर्मल पावर प्लांट्स पर निर्भर है।

घरेलू उत्पादन में इजाफा

अप्रैल-दिसंबर 2024 के बीच भारत में घरेलू कोयला उत्पादन 726.29 मिलियन टन (अनंतिम आंकड़े) रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि के 684.45 मिलियन टन की तुलना में 6.11% अधिक है। सरकार ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी कर रही है।

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