अमेरिका में पाकिस्तानी छात्रों की बढ़ी टेंशन: सोशल मीडिया पोस्ट से भी रद्द हो सकता है वीजा

अमेरिका में पाकिस्तानी छात्रों पर बढ़ी निगरानी: सोशल मीडिया और छोटी गलतियां बन सकती हैं मुसीबत का कारण!
सोशल मीडिया की पैनी नज़र: अमेरिका में पाकिस्तानी छात्रों की चिंता बढ़ी-अमेरिका में रह रहे पाकिस्तानी छात्रों और वीजा धारकों के लिए इन दिनों चिंता का माहौल है। अमेरिकी सरकार, खासकर ट्रंप प्रशासन, अब सोशल मीडिया पर उनकी गतिविधियों पर बहुत बारीकी से नज़र रख रहा है। अगर किसी भी छात्र की पोस्ट को ‘एंटी-अमेरिकन’ या ‘कट्टरपंथी’ माना गया, तो उनका वीजा रद्द किया जा सकता है। ‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी हर तरह की ऑनलाइन गतिविधि की जांच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी छात्र या व्यक्ति अमेरिका या उसकी संस्थाओं के खिलाफ कोई गलत कदम न उठाए।
छोटी सी चूक भी पड़ सकती है भारी: नियमों का कड़ाई से पालन जरूरी-यह समझना महत्वपूर्ण है कि अमेरिका में छोटी से छोटी गलती भी पाकिस्तानी छात्रों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। सिर्फ राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होना या कागजात का अधूरा होना ही नहीं, बल्कि ट्रैफिक नियमों को तोड़ना जैसी मामूली बात भी अब सीधे गृह सुरक्षा विभाग (DHS) तक पहुंचाई जा रही है। उत्तरी वर्जीनिया के एक ट्रैफिक कोर्ट के जज ने स्पष्ट किया है कि अब ट्रैफिक उल्लंघनों की जानकारी DHS को देनी होगी, जिससे पाकिस्तानी समुदाय में अनिश्चितता और डर का माहौल और बढ़ गया है।
छात्रों के मन में डर: यात्रा और भविष्य को लेकर चिंता-इस नई निगरानी के कारण कई छात्र यात्रा करने से भी कतरा रहे हैं। मैरीलैंड के बाल्टीमोर में रहने वाले छात्र यूनुस खान ने बताया कि उन्हें शिकागो जाने की अपनी योजना भी रद्द करनी पड़ी, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं कोई छोटी सी गलती उनके वीजा को खतरे में न डाल दे। वहीं, पाकिस्तानी दूतावास ने भी अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे किसी भी राजनीतिक गतिविधि या सार्वजनिक प्रदर्शनों से दूर रहें, ताकि वे किसी भी तरह के विवाद से बच सकें।
विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने वाले छात्रों में सबसे ज़्यादा खौफ-खास तौर पर, जो छात्र फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में शामिल हुए थे, उनमें सबसे ज़्यादा डर है। बाल्टीमोर की छात्रा समीना अली ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के बाद उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उन्हें अमेरिका से बाहर न कर दिया जाए। ऐसे माहौल में, छात्रों का ध्यान अपनी पढ़ाई पर केंद्रित करना और सामान्य जीवन जीना भी मुश्किल हो गया है, क्योंकि वे लगातार पकड़े जाने के डर में जी रहे हैं।
अमेरिका में पाकिस्तानियों की बड़ी आबादी और बढ़ती छात्र संख्या-वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास के अनुसार, अमेरिका में लगभग 7 से 10 लाख पाकिस्तानी नागरिक रहते हैं, जिनमें से अधिकांश स्थायी निवासी या नागरिक हैं। हालांकि, राजनीतिक शरण चाहने वालों और छात्रों के बीच अनिश्चितता का माहौल अधिक है। जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी के छात्र मोहम्मद साजिद ने बताया कि पार्ट-टाइम नौकरी ढूंढना भी मुश्किल हो गया है और उन्हें हर कदम बहुत सोच-समझकर उठाना पड़ रहा है।
2024 में पाकिस्तान से आए हजारों छात्र: भारत की तुलना में कम-साल 2024 में, पाकिस्तान से लगभग 10,988 छात्र अमेरिका आए। इसकी तुलना में, बांग्लादेश से 17,099 और नेपाल से 16,742 छात्र आए। वहीं, भारत ने 3,31,602 छात्रों के साथ सबसे बड़ी संख्या दर्ज की। रिपोर्ट यह भी बताती है कि आधिकारिक आंकड़ों में दर्ज न होने वाले छात्रों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है, और आने वाले वर्षों में पाकिस्तान से आने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है।
पाकिस्तानी दूतावास की छात्रों को सलाह: सतर्क रहें और नियमों का पालन करें-पाकिस्तानी दूतावास का अनुमान है कि 2025 तक अमेरिका में पाकिस्तानी छात्रों की संख्या लगभग 12,500 तक पहुंच सकती है। दूतावास लगातार स्थिति पर नज़र रख रहा है और छात्रों को सलाह दे रहा है कि वे अपने सभी कानूनी कागजात हमेशा सही रखें, अपने अधिकारों के बारे में जानकारी रखें और किसी भी राजनीतिक गतिविधि से दूर रहें। वर्तमान परिस्थितियों में, थोड़ी सी भी लापरवाही उनके शैक्षणिक भविष्य और पूरे जीवन पर भारी पड़ सकती है।



