महाशिवरात्रि 2025: ओंकारेश्वर में 24 घंटे खुला रहेगा मंदिर, शयन आरती रद्द
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ओंकारेश्वर में महाशिवरात्रि पर 24 घंटे खुला रहेगा मंदिर, नहीं होगी शयन आरती
खंडवा: महाशिवरात्रि के अवसर पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर 24 घंटे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहेगा। इस दिन रोज़ाना रात 8:30 बजे होने वाली शयन आरती नहीं होगी। मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ हर रात मां पार्वती के साथ ओंकारेश्वर मंदिर में विश्राम करते हैं, इसलिए मंदिर में शयन आरती के बाद सेज, झूला और चौसर भी सजाई जाती है।
महाशिवरात्रि पर विशेष आयोजन
महाशिवरात्रि का पर्व इस साल 26 फरवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा। भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए सुबह 3 बजे से मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे। हालांकि, अगले दिन सुबह 2:30 बजे कुछ देर के लिए पट बंद होंगे।
शयन आरती और चौसर की परंपरा
शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती रात में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में विश्राम करते हैं। इसलिए रोज़ रात में सेज, झूला और चौसर भी बिछाई जाती है। आम दिनों में रात 8:30 बजे मंदिर के पट बंद कर शयन आरती की जाती है, जिसके बाद भगवान विश्राम करते हैं। लेकिन महाशिवरात्रि के दिन शयन आरती नहीं होगी और सेज व झूला भी नहीं सजाया जाएगा।
भस्म आरती की तरह शयन आरती का महत्व
हर साल महाशिवरात्रि पर करीब 1.5 लाख श्रद्धालु ओंकारेश्वर दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान मंदिर के नियमित कार्यक्रमों और धार्मिक आयोजनों में बदलाव किया जाता है। मंदिर ट्रस्ट के पं. आशीष दीक्षित और पं. डंकेश्वर दीक्षित ने बताया कि उज्जैन के महाकालेश्वर में भस्म आरती का जितना महत्व है, उतना ही महत्व ओंकारेश्वर में भगवान की शयन आरती का भी है। महाशिवरात्रि के अलावा जब भगवान 15 दिन के लिए निमाड़-मालवा के भ्रमण पर जाते हैं, तब भी शयन आरती और गर्भगृह में सेज-झूला नहीं सजता।
सबसे पहले साधु-संत करेंगे दर्शन
महाशिवरात्रि के दिन सुबह 3 बजे जब मंदिर के पट खुलेंगे, तो सबसे पहले साधु-संत और संन्यासी जुलूस के साथ मंदिर पहुंचकर पूजन करेंगे। इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन शुरू होंगे। दोपहर 12:20 बजे भगवान के भोग के लिए कुछ देर के लिए पट बंद होंगे, लेकिन फिर रात 3 बजे तक मंदिर दर्शन के लिए खुला रहेगा। मंदिर को फूलों से भव्य रूप से सजाया जाएगा और पूरी तीर्थनगरी व घाटों पर विशेष रोशनी की जाएगी, जिससे महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव प्राप्त हो सके।