खाद्य सामग्री में अब MRP के साथ यूनिट प्राइस भी लिखना जरूरी…..
बंद खाद्य पैकेटों के साथ ही अन्य सामग्रियों में भी अब दो तरह के दाम लिखना अनिवार्य हो गया है। बताया जा रहा है कि अभी कुछ दिनों तक विभाग द्वारा समझाया जा रहा है और इसके बाद भी नियमों का उल्लंघन करने पर अगले महीने से कार्रवाई शुरू होगी।बंद खाद्य पैकेटों के साथ ही अन्य सामग्रियों में भी अब दो तरह के दाम लिखना अनिवार्य हो गया है। बताया जा रहा है कि अभी कुछ दिनों तक विभाग द्वारा समझाया जा रहा है और इसके बाद भी नियमों का उल्लंघन करने पर अगले महीने से कार्रवाई शुरू होगी।
नाप तौल विभाग के इस नियम के अनुसार जो भी कंपनियां एक किलो से ज्यादा के पैकेट तैयार करती है, वे एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) के साथ ही यूनिट प्राइस (ईकाई मूल्य) भी लिखेंगी। बहुत सी कंपनियों द्वारा पैकेटों में दो तरह के दाम लिखने शुरू भी हो गए है। कंपनियों द्वारा अपना नया स्टाक लाया भी जा रहा है और जिनके पास पुराना स्टाक बचा हुआ है। वे जल्द से जल्द अपना स्टाक खत्म करने में लगे हुए हैं। नापतौल अधिकारियों का कहना है कि यूनिट प्राइस देखकर उपभोक्ता विभिन्न कंपनियों के दामों की तुलना कर सकेंगे। इसके साथ ही वजन कम और कीमतें वहीं रखने का खेल भी कम होगा।
अक्टूबर 2022 से होना था लागू
मालूम हो कि खाद्य उपभोक्ता मंत्रालय ने लीगल मेट्रोलाजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम 2011 में संशोधन किया है। इसके अनुसार खाद्य पैकेटों में प्रति ग्राम या प्रति लीटर के दाम भी दाम भी लिखने होंगे। यह नियम अक्टूबर 2022 से लागू होना था, लेकिन कारोबारी समूहों द्वारा समय मांगे जाने के कारण नियम लागू करने की तारीख आगे बढ़ा दी गई। तीन बार तारीख आगे बढ़ाने के बाद एक जनवरी 2024 से इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया।
नियम को ऐसे समझे
इस नियम को ऐसे भी समझा जा सकता है। नियम के तहत जो भी कंपनियां एक किलो से ज्यादा के पैकेट तैयार करती है, वे एमआरपी के साथ यूनिट प्राइस भी लिखेंगी। उदाहरण के लिए मान लीजिए पांच किलो का आटा का पैकेट है तो उस पर पांच किलो की एमआरपी तो लिखनी ही पड़ेगी। इसके साथ ही एक किलो के दाम भी लिखने होंगे।