ओबीसी समुदाय को मिली प्राथमिकता, यूपी बीजेपी की नई लिस्ट में सबसे ज्यादा प्रतिनिधि

यूपी बीजेपी के नए जिला अध्यक्षों की सूची जारी, ओबीसी नेताओं का दबदबा
उत्तर प्रदेश बीजेपी ने रविवार को बहुप्रतीक्षित जिला अध्यक्षों की सूची जारी की, जिसमें ओबीसी समुदाय के नेताओं का खासा दबदबा देखने को मिला। इस सूची में पार्टी के 72 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों के नाम शामिल हैं, जबकि बाकी 28 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा बाद में की जाएगी। बीजेपी की इस नई सूची में 25 ओबीसी, 6 एससी, 36 सामान्य वर्ग और 5 महिलाएं शामिल हैं। एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने बताया कि इस सूची से साफ जाहिर होता है कि पार्टी ओबीसी वर्ग को खास तवज्जो दे रही है।
“सभी वर्गों को दिया गया उचित प्रतिनिधित्व”
पार्टी नेता ने कहा, “हमने सभी समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। समाज के हर वर्ग को पर्याप्त जगह दी गई है।”
नई नियुक्तियों में 44 नए चेहरे शामिल किए गए हैं, जबकि 22 जिला अध्यक्षों को दोबारा मौका दिया गया है। हालांकि, इस सूची में किसी भी मुस्लिम नेता को जगह नहीं मिली है।
समाजवादी पार्टी के ‘पीडीए’ फार्मूले को कमजोर करने की रणनीति?
ओबीसी समुदाय के नेताओं की बढ़ती संख्या से साफ है कि बीजेपी, समाजवादी पार्टी (सपा) के “पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक)” नारे को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रही है। 2024 लोकसभा चुनावों में सपा के इस फार्मूले ने उसे बड़ा फायदा दिलाया था। सपा ने 36 सीटें जीतकर बीजेपी को पीछे छोड़ दिया था, जो सिर्फ 33 सीटों पर सिमट गई थी। विपक्ष लगातार बीजेपी पर ओबीसी वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाता रहा है।
सपा के गढ़ में महिला जिला अध्यक्ष की नियुक्ति
इस सूची की एक खास बात यह भी रही कि मैनपुरी, जो समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है, वहां बीजेपी ने ममता राजपूत को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला साफ तौर पर सपा के प्रभाव वाले क्षेत्र में पार्टी को मजबूती देने की कोशिश है।
असंतोष की वजह से बाकी सूची जारी करने में देरी?
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी को बाकी 28 जिलों में भारी असंतोष और गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से उन जिलों के अध्यक्षों की घोषणा में देरी हो रही है। दिलचस्प बात यह है कि नए जिला अध्यक्षों को उनकी नियुक्ति की जानकारी WhatsApp के जरिए दी गई, ताकि किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन को रोका जा सके।