लोक संध्या रायपुर के द्वारा दी गई रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति… पांच दिवसीय माता मावली मेले का हुआ समापन
जिला मुख्यालय पर पिछले 5 दिनों से चल रही ऐतिहासिक मावली मंडई का कल शाम समापन हो गया. इस दौरान समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद श्री दीपक बैज व विधायक नारायणपुर व अध्यक्ष हस्तशिल्प विकास बोर्ड श्री चंदन कश्यप उपस्थित रहे. समारोह के मुख्य अतिथि सांसद बैज ने अपने उद्बोधन में कहा कि मावली मंडई सैकड़ों वर्षों से चली आ रही क्षेत्रीय लोक संस्कृति और पारंपरिक आस्था का प्रतीक है. इस मेले में देवी-देवताओं के संगम के अलावा यह मेला उनकी पारंपरिक पूजा के लिए भी खास होता है और इस तरह यह मेला स्थानीय लोगों को एकता के सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाता है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने इस संस्कृति और लोक कला के संरक्षण और विलुप्त होने से बचाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं. उनमें देव गुड़ी और गोतुल जैसी आदिम परम्पराओं के केन्द्रों को पुनर्जीवित कर पुनः स्थापित किया गया। साथ ही पिछले 4 वर्षों में नारायणपुर जिले में विकास का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। दूर-दराज के इलाकों में सड़कों का विकास हो या अबूझमाड़ क्षेत्र में सब्सिडी वाले धान के लिए शॉपिंग मॉल का उदय, जहां किसानों ने उल्लेखनीय रूप से धान बेचा है, या मुख्यालय में बंधुआ तालाब का सौंदर्यीकरण या छोटेडोंगर में आत्मानंद स्कूल। कॉलेज, आईटीआई सेंटर खोलने की बात चल रही है, इसके अलावा रावघाट रेल परियोजना के तहत जिले तक रेलवे का परिचालन जल्द किया जा रहा है. कुल मिलाकर माननीय मुख्यमंत्री जी की इच्छा के अनुरूप जनजातीय क्षेत्रों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। साथ ही उन्होंने इस 5 दिवसीय मेले के सुनियोजित एवं परेशानी मुक्त आयोजन के लिए जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन का आभार व्यक्त किया। आईटीआई केंद्र खुलने के साथ ही जिले तक के रावघाट रेल प्रोजेक्ट में भी जल्द ही रेल सेवा शुरू हो जाएगी। कुल मिलाकर माननीय मुख्यमंत्री जी की इच्छा के अनुरूप जनजातीय क्षेत्रों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। साथ ही उन्होंने इस 5 दिवसीय मेले के सुनियोजित एवं परेशानी मुक्त आयोजन के लिए जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर बोलते हुए विधायक ने मेले की भव्यता और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए आयोजकों को बधाई भी दी और कहा कि माता मावली की पावन भूमि पर इस 5 दिवसीय मेले का सुचारू रूप से संपन्न होना एक सफल आयोजन का प्रमाण है. अबूझमाड़ को देश-दुनिया में लोग उसकी प्रसिद्ध परंपरा कला सांस्कृतिक के नाम से जानते हैं। माता मावली मेला बस्तर के सबसे पुराने झोपड़ी मेलों में से एक है। जिसे लोग छुट्टी के रूप में मनाते हैं। आम लोगों के मनोरंजन के लिए मेले के प्रारंभ से लेकर अंतिम दिन तक विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसका सभी ने जमकर लुत्फ उठाया। उन्होंने मेले को सभी वर्गों को एकता और भागीदारी से जोड़ने वाला पर्व बताते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में भी मेले की भव्यता और आस्था इसी तरह आगे बढ़ती रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार के सामाजिक उपायों और लोक संस्कृतियों को बचाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। समारोह के अंत में मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। साथ ही लोक संध्या रायपुर में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री श्यामबती नेताम, नगर पालिका अध्यक्ष सुश्री सुनीता मांझी, नगर उपाध्यक्ष श्री प्रमोद नैलवाल, क्षेत्र जनप्रतिनिधि श्री राजनू नेताम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री हेमसागर सिदार, संयुक्त कलेक्टर श्री प्रदीप वैद्य, तहसीलदार श्री सुमित बघेल, नगर पालिका के अलावा नगर पालिका अधिकारी श्री मोबिन अली सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.