पिछली तारीख़: कोलकाता के अतीत का यह दिन, 4 जुलाई, 1881
इस दिन सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग तक की रेलवे लाइन आधिकारिक तौर पर प्रसिद्ध ‘टॉय ट्रेन’ के लिए खोली गई थी।
गिलेंडर्स आर्बुथनॉट एंड कंपनी ने लाइन का निर्माण किया, जिसे आधिकारिक तौर पर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के रूप में जाना जाता है, जो 2 फीट (610 मिमी) नैरो गेज रेलवे है।
सिलीगुड़ी से कर्सियांग तक का खंड पहले 23 अगस्त 1880 को खोला गया था। बाद में पटरियों के ग्रेड को आसान बनाने के लिए कई संशोधन किए गए। वे 1897 के भूकंप और 1899 के महान चक्रवात से बच गए और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कर्मियों और हथियारों के परिवहन के लिए उनका उपयोग किया गया।
यह ट्रेन न केवल उन यात्रियों के लिए सुविधा के कारण, जो पहले ‘टोंगा सेवा’ का उपयोग कर सकते थे, बल्कि यात्रा की सुंदरता के कारण भी दार्जिलिंग अनुभव का एक अभिन्न अंग बन गई।
फिल्म आराधना में राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर पर एक यादगार गाना फिल्माया गया था।
रेलवे लाइन को 1999 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। अब इसकी चमक बहुत कम हो गई है, परिवहन के अन्य साधनों ने इसे पीछे छोड़ दिया है, लेकिन यह अभी भी एक प्रतीक बना हुआ है।