Business

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, विदेशी निवेशकों की निकासी और वैश्विक कमजोरी का प्रभाव

51 / 100

शेयर बाजार की शुरुआत मजबूती से, लेकिन उतार-चढ़ाव का दौर जारी

गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों ने अच्छी बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की, लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली, मासिक डेरिवेटिव्स एक्सपायरी और कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बीएसई सेंसेक्स 231.97 अंकों की तेजी के साथ 74,834.09 पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी 65.75 अंक चढ़कर 22,613.30 पर पहुंचा। हालांकि, शुरुआती तेजी के बाद बाजार में बार-बार उतार-चढ़ाव देखा गया।

किन शेयरों में तेजी और गिरावट?

सेंसेक्स के टॉप गेनर शेयरों में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, नेस्ले और टाटा स्टील शामिल रहे। वहीं, अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा और टाटा मोटर्स के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली का असर

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार से 3,529.10 करोड़ रुपये की निकासी की। इस बड़े पैमाने पर बिकवाली का असर बाजार पर साफ नजर आ रहा है। बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर भारतीय शेयर बाजार बंद रहे थे।

बाजार में उतार-चढ़ाव क्यों?

प्रशांत तापसे, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च), मेहता इक्विटीज के मुताबिक,

  • महीने के आखिरी दिन होने के कारण फरवरी के वायदा और ऑप्शन (F&O) कॉन्ट्रैक्ट का रोलओवर हो रहा है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है।
  • विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली निवेशकों को चिंता में डाल रही है, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है।
  • हालांकि, डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमत 69 डॉलर प्रति बैरल तक गिरने से बाजार को कुछ राहत मिली है।

वैश्विक बाजारों का मिला-जुला रुख

  • एशियाई बाजारों में टोक्यो हरे निशान में रहा, जबकि सियोल, शंघाई और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई।
  • अमेरिकी बाजारों ने भी बुधवार को मिश्रित रुख दिखाया।
  • ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 0.33% बढ़कर 72.77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई।

पिछले सत्र में बाजार का हाल

मंगलवार को सेंसेक्स 147.71 अंकों (0.20%) की तेजी के साथ 74,602.12 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी लगातार छठे दिन गिरा, और 5.80 अंकों (0.03%) की मामूली गिरावट के साथ 22,547.55 पर बंद हुआ था। अब बाजार की नजर विदेशी निवेशकों के रुख और वैश्विक संकेतों पर रहेगी, जो आगे के ट्रेंड को तय करेंगे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button