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तेजस्वी यादव बोले – “FIR से डरने वाला नहीं, सच बोलना जारी रखूंगा”

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तेजस्वी पर FIR: ‘जुमला’ पर मचा बवाल, जानिए क्या है पूरा मामला?

FIR दर्ज होने पर तेजस्वी का बेबाक जवाब-बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इन दिनों मुश्किलों में घिरे नजर आ रहे हैं। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में उनके खिलाफ एक FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। दरअसल, पीएम मोदी के बिहार दौरे से ठीक पहले, तेजस्वी ने एक पोस्ट में मोदी के वादों को ‘जुमला’ करार दिया था। जब इस बारे में उनसे मीडिया ने सवाल किया, तो उन्होंने बड़े ही बेफिक्री से जवाब दिया। उन्होंने कहा, “कोई FIR से डरता नहीं है। क्या ‘जुमला’ शब्द आपत्तिजनक है? मैंने तो सच कहा है और सच कहता रहूंगा। चाहे जितने केस कर लो, मैं रुकने वाला नहीं हूँ।”

राहुल गांधी संग मखाना और मछली बाजार का दौरा-तेजस्वी यादव आजकल कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी के साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हैं। इस यात्रा के दौरान, दोनों नेताओं ने बिहार के कटिहार जिले में एक मखाना की खेती वाले खेत और एक मछली बाजार का दौरा किया। राहुल गांधी ने वहां मौजूद किसानों और मछुआरों से खुलकर बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान कई अन्य नेता भी उनके साथ थे, जिनमें पप्पू यादव भी शामिल थे। बिहार का मखाना, जो अपनी खास पहचान रखता है, अब राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जगह बना रहा है। सरकार ने इस साल के बजट में ‘मखाना बोर्ड’ बनाने की घोषणा भी की है, ताकि इसकी खेती और उत्पादन को और बढ़ावा मिल सके।

PM मोदी भी कर चुके हैं मखाना की तारीफ-बिहार का मखाना अब सिर्फ राज्य की सीमा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे एक “सुपरफूड” बताया है और खिलाड़ियों से लेकर आम लोगों तक को इसे खाने की सलाह दी है। हाल ही में बिहार में आयोजित “खेलो इंडिया” टूर्नामेंट के उद्घाटन के दौरान भी पीएम मोदी ने विशेष रूप से मखाने का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि बिहार आने वाले सभी एथलीट्स को मखाने का स्वाद जरूर लेना चाहिए। इस तरह, मखाना का मुद्दा अब सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह बिहार की पहचान और यहाँ के किसानों के भविष्य से भी गहराई से जुड़ गया है।

विपक्ष का आरोप: FIR है राजनीतिक बदले की कार्रवाई-तेजस्वी यादव के करीबी और राजद सांसद संजय यादव ने इस FIR को बीजेपी की राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र या असम जैसे दूर के राज्यों में केस दर्ज कराने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, “अगर उनमें हिम्मत है तो बिहार में ही FIR दर्ज कराएं। हम चुनौती देते हैं कि बीजेपी के सभी विधायक मिलकर हमारे नेता पर केस दर्ज करें।” वहीं, कांग्रेस सांसद अखिलेश यादव ने भी इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है। उनका कहना है कि विपक्ष कभी डरने वाला नहीं है। “हम उस महान परंपरा से आते हैं जिसने अंग्रेजों से भी बिना डरे लड़ाई लड़ी थी। मोदी और शाह से डरने का तो सवाल ही नहीं उठता, हम तो और भी मजबूती से जनता के बीच जाएंगे।”

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