Top Holi Festivalas Recipe 2024 in Chhattisgarh – छत्तीसगढ़ में अनरसा, कटवा, ठेठरी-खुरमी गुलगुला भजिया
छत्तीसगढ़ में गुलगुला भजिया बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है. आमतौर पर छोटे-बड़े किसी भी खास अवसर पर तो कभी यूं ही कुछ मीठा खाने की जबरदस्त क्रेविंग हो, तो फटाफट गुलगुला भजिया बनाया जाता है. वहीं होली में खास तौर पर छत्तीसगढ़ में गुलगुला बनाने की परंपरा है और इसे बनाना भी बेहद आसान है. बिलासपुर में रहने वाली गृहणी उर्मिला ने बताया कि कैसे स्वादिष्ट गुलगुला भजिया तैयार किया जा सकता है. इसे बनाने के लिए जो भी समान लगेगा, वह आमतौर पर आपके घर पर मौजूद होगा. इसके लिए सब इंग्रीडिएंट आपको घर में ही मिल जाएंगे, यानि कुछ बाहर से मंगवाने की जरूरत नहीं है.
इस्तेमाल होंगे ये सामान
गेहूं का आटा.
गुड़ या शक्कर.
सौंफ और सफेद तिल.
खाने का सोडा.
घी या तेल.
गुलगुला भजिया ऐसे बनाएं
1. सबसे पहले गुड़ या शक्कर, जो भी आप इस्तेमाल करना चाहें, उसे आधे ग्लास पानी में घोल लें.
2. एक बाउल में आटा लें और उसमें तिल, सौंफ और इलायची पाउडर मिला लें. सौंफ गुलगुला भजिया की जान है और असल स्वाद इसी से उभरता है.
3. अब आटे में मीठा पानी डालकर पकौड़े की तरह घोल बना लें. ध्यान दें कि इसमें गुठलियां न रह जाएं. अब इसमें खाने का सोडा डाल लें और एक बार और अच्छे से घोल लें. अगर आपको ऐसा लगे कि घोल थोड़ा ज्यादा गाढ़ा है, तो थोड़ा सादा पानी मिला लें. लेकिन घोल पतला न होने पाए. इसका ध्यान रखें.
4. एक कड़ाही में घी गरम करें. अब हाथ से घोल लेकर गुलगुला भजिया गर्म घी में डालते जाएं. गुड़ से बनाने पर इनका कलर एकदम गुलाब जामुन की तरह सुंदर आता है. बढ़िया रंग आ जाए, तो गुलगुला भजिया निकाल लें.
Top Holi Festivalas Recipe 2024 in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में हर त्यौहार का एक अलग ही महत्व है. इन सबमें होली (होरी तिहार) एक अलग ही स्थान पर है. इस त्यौहार का राज्य के हर समुदाय के लोगों को बेसब्री से इंतजार होता है. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इस त्यौहार को बड़े जोर-शोर से मनाते हैं. अब बात त्यौहार की हो तो खानपान कैसे पीछे रह सकता है. छतीसगढ़ में अगर व्यंजनों की बात की जाये तो हर त्यौहार के अपने अलग ही स्वाद और कलेवर हैं और उनमें होली सबसे खास है.
Top Holi Festivalas Recipe 2024 in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में होली में खासकर अनरसा, कटवा, ठेठरी-खुरमी, गुजिया (कुशली), बरा सोहारी, गुलगुला भजिया, गुड़ के चीला जैसे पकवान बनाये जाते हैं. गढ़ कलेवा रायपुर की प्रमुख रेखा तिवारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में होली रंगों के साथ पकवानों का ही त्यौहार है. छत्तीसगढ़ में होली में खासकर के अनरसा, कटवा, ठेठरी-खुरमी और कुशली बनाया जाता है. होली रंगों और रंग बिरंगी पकवानों का त्यौहार है. कहते हैं अच्छे खानपान से दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं और होली में सब दुश्मनी भुलाकर दोस्ती को हाथ बढ़ाते है, तो क्यों न आप भी होली में अपने दोस्त-यार, परिवार-पड़ोसी को छत्तीसगढ़ी पकवान खिलाकर खुश करे. हां लेकिन इन सबके बीच अच्छी सेहत, साफ-सफाई और पौष्टिकता का ध्यान जरुर रखे. तो आइये जानते है फिर छत्तीसगढ़ के कुछ खास व्यंजनों एवं उनके विधि के बारे में :-
गुजिया के बिना होली का मतलब है बिना रंग के होली गुजिया कई तरह से बनाईं जातीं है, मावा भरी गुझिया या मावा इलायची भरी गुझिया जिनके ऊपर चीनी की एक परत चढ़ी होती है.
आवश्यक सामग्री –
- आटा लगाने के लिए
- मैदा – 2 कप (250 ग्राम)
- घी – आटा गूंथने के लिए और गुजिया तलने के लिए
- घी- गुजिया तलने के लिए
स्टफिंग के लिए
- मावा – 100 ग्राम
- काजू – 1 टेबल स्पून
- किशमिश – 1 टेबल स्पून
- चिरौंजी – 1 टेबल स्पून
- इलायची – 4 से 5
- सूखा गोला – 2 टेबल स्पून ( कद्दूकस किया हुआ)
- चीनी पाउडर – 1/2 कप (80 ग्राम)
विधि –
सख्त आटा गूंथिए
मैदा में ( कप मोयन यानिकि घी डालकर अच्छे से मिक्स कर लीजिए. मैदे में थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए पूरी के आटे से भी सख्त आटा गूंथ लीजिए. इसे मसलकर चिकना कर लीजिए और आटे को 20 मिनिट तक ढककर रख दीजिए. इतनी मात्रा के मैदा में आधे कप से भी कम पानी लगा है.
कसार/ स्टफिंग तैयार कीजिए
पैन गरम कीजिए और इसमें मावा डालकर लगातार चलाते हुए हल्का ब्राउन होने तक भून लीजिए. इस दौरान आंच मध्यम रखिए. मावा भुन जाने के बाद, इसे प्याले में निकाल लीजिए और ठंडा होने दीजिए.इसके बाद, मावा में पिसी हुई चीनी, नारियल, किशमिश और काजू डालकर मिला दीजिए. साथ ही चिरौंजी और इलाइची भी डालकर अच्छे से मिक्स कर दीजिए. सारी चीजों के मिक्स होने के साथ ही गुजिया में भरने के लिए कसार तैयार है.
Top Holi Festivalas Recipe 2024 in Chhattisgarh
गुजिया बनाइए
आटे को मसलकर ठीक कर लीजिए. फिर, इससे 20 से 25 छोटी-छोटी लोइयां तोड़ लीजिए. प्रत्येक लोई गोल करके पेड़े जैसा बनाकर रख लीजिए. एक लोई उठाकर चकले पर रखिए और इसे 4 से 4.5 इंच व्यास की पतली पूरी बेल लीजिए. सांचे के ऊपर पूरी रखिए और 1 से 1.5 छोटी चम्मच फिलिंग डाल दीजिए. पूरी के किनारे पर थोड़ा सा पानी लगाकर सांचे को बंद कीजिए और हल्का सा दबा दीजिए तथा कटिंग निकालकर रख दीजिए. ये कटिंग भी बाद में गुजिया बनाने के काम आ जाती है. सांचे को खोलिए और गुजिया को निकालकर थाली में रखिए और उसे कपड़े से ढक दीजिए ताकि ये सूखे ना. इसी तरह सारी गुजिया तैयार करके थाली में रखते जाइए.
गुजिया तलिए
कढ़ाही में गुजिया तलने के लिए पर्याप्त मात्रा में घी डालकर गरम कर लीजिए. गरम घी में एक-एक करके जितनी गुजिया कढ़ाही में आ जाएं, उतनी गुजिया डाल दीजिए. गुजिया को मध्यम और धीमी आंच पर ब्राउन होने तक तल लीजिए. एक ओर तल जाने के बाद, गुजिया को दूसरी तरफ पलटकर भी तल लीजिए. अच्छे से तली हुई गुजिया को निकालकर प्लेट में रख लीजिए. स्वादिष्ट मावा की गुजिया तैयार हैं. इन्हें आप किसी भी त्यौहार पर या जब भी आपका मन हो, तब बनाइए और गरमागरम गुजिया खाइए. इन्हें ठंडा होने के बाद एअर टाइट कन्टेनर में भरकर रख लीजिए और 15 दिनों तक चाव से खाते रहिए.
अनरसे का स्वाद मुंह में अलग ही मिठास घोलता है
अनरसा बनाने के लिए चावल को 2 दिन पहले ही भिगो दिया जाता है. इसे दो तरह से बना सकतें है या तो गोल-गोल गोलियों जैसे या फिर चपटी टिकिया के जैसे. आइए जानते हैं स्वादिष्ट अनरसे बनाने की बेहद आसान रेसिपी.
अनरसा बनाने के लिए सामग्री
- चावल दृ 2 कप
- दही दृ 1 टेबलस्पून
- तिल दृ 2-3 टेबलस्पून
- चीनी पाउडर दृ 3/4 कप
- देसी घी दृ तलने के लिए
- अनरसा बनाने की विधि
स्वाद से भरपूर अनरसा बनाने के लिए सबसे पहले चावल को दो से तीन दिन (कम से कम 48 घंटे) पहले ही पानी में भिगोकर रख दें. अनरसे के लिए छोटे नए चावल का इस्तेमाल बढ़िया होता है. चावल को भिगोने के दौरान हर 24 घंटे में इसका पानी बदल दें. तय समय के बाद चावल का पानी निकाल दें और भीगे चावलों को मोटे कपड़े पर फैलाकर छाया वाली जगह पर सुखाने के लिए रख दें.
जब चावल का ज्यादातर पानी सूख जाए तो उनमें नमी बरकरार रहे तो चावल को मिक्सी की मदद से दरदरा आटे जैसा पीसकर एक बर्तन में निकाल लें. इसके बाद इस आटे को छलनी से छान लें और एक बड़ी मिक्सिंग बाउल में डाल दें. अब आटे में चीनी पाउडर और थोड़े से घी को डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर दें. अब दही को मथें और उसकी मदद से आटे को सख्त गूंथ लें. इसके बाद आटे को 10-12 घंटे के लिए ढककर अलग रख दें.
तय समय के बाद आटा लेकर उसे एक बार और गूंथें. इसके बाद आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और उन्हें तिल में लपेट लें. जब लोई के चारों ओर तिल अच्छे से चिपक जाए तो उसके दोनों हथेलियों के बीच रखकर दबाएं और चपटा कर लें. इसी तरह सारी लोइयों से अनरसे बना लें. इसके बाद एक कड़ाही में देसी घी डालकर उसे मीडियम आंच पर गर्म करें.
जब घी गर्म होकर पिघल जाए तो उसमें अनरसे डालें और पलट पलटकर अनरसे को गोल्डन ब्राउन होने तक डीप फ्राई कर लें. इसके बाद अनरसे को एक प्लेट में निकालकर अलग रख दें. इसी तरह सारे अनरसों को तल लें. अब अनरसों को ठंडा होने रख दें. स्वाद से भरपूर अनरसे बनकर तैयार हो चुके हैं. इन्हें एक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर कर रखें.
Top Holi Festivalas Recipe 2024 in Chhattisgarh
खुरमी छत्तीसगढ़ की पारंपरिक पकवान
खुरमी छत्तीसगढ़ की पारंपरिक पकवान है. इसे गेहूं के आटा और गुड़ से बनाया जाता है नारियल से इसका स्वाद बढ़ जाता है इसमें ड्राई फ्रूट्सभी डाल सकते हैं
सामग्री
- 2 कप गेहूं का आटा
- 1/2 कप सूजी
- 1 कप गुड़
- 1/4 कप नारियल पाउडर
- 1/4 कप तिल
- 1/4 कप घी या तेल मोयन के लिए
- आवश्यकतानुसार तेल तलने के लिए
- आवश्यकतानुसार पानी
कुकिंग निर्देश
खुरमी बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में गुड़ डाल कर उसमे पानी डाल कर घोल तैयार कर ले और घोल को छान लें
एक बाउल में आटा, सूजी, नारियल का पाउडर, तिल ले अब इसमें तेल का मोयन दे.. इतना मोयन दे की मुट्ठी बन जाए अब इस मिश्रण को गुड़ का घोल थोड़ा थोड़ा डाल कर कड़ा आटा गूथ ले
10 मिनट के बाद आटा से छोटी छोटी नींबू के साइज का लोई बनाकर लोई को गोल कर चपटा कर लेंगे और चम्मच की सहयता से पत्ती की डिजाइन दे देंगे (जैसा चाहे वैसे डिजाइन बना सकते है) चम्मच की सहायता से.. आप कोई भी आकार दे सकते है कोई भी डिजाइन बना सकते हैं इसी प्रकार सारे खुरमी बना ले
एक कड़ाई में तेल गर्म करें तलने के लिए हल्के गर्म तेल में 5से 6 खुरमी एक बार में डालकर धीमी आंच में तलें दोनों तरफ से पलट पलट कर सुनहरे होने तक तलें इसी प्रकार सारी खुरमी तल लें
अब खुरमी निकाल कर ठंडा होने दें, ठंडा होने के बाद उपर से कुरकुरे और अंदर से हल्के नर्म होते हैं इसे 15से20 दिन तक स्टोर कर सकते है
टिप्स
गुड का पाग नहीं तैयार करना है सिर्फ घोल बनाना पानी मिलाकर
अधिक गुड और मोयन होने से तेल में तलते समय बिखरने लगता है
अगर तेल में बिखरने लगे तो आटा मिला कर गूँथ लें
मेरे पास सफेद तिल नहीं था इसलिए मैने काला तिल इस्तेमाल किया
ठेठरी छत्तीसगढ की पारंपरिक पकवान
छत्तीसगढ़ी ठेठरी छत्तीसगढ की पारंपरिक पकवान है जो की तीज त्योहार पर बनाया जाता है ये नमकीन होती हैं इसे बेसन से बनाया जाता है
सामग्री
- 40 मिनट
- 2 कप बेसन
- 1/2 चम्मच अजवाइन
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच नमक
- 1 चम्मच तिल
- 1/4 कप तेल मोयन के लिए
- आवश्यकतानुसार पानी
- आवश्यकतानुसार तेल तलने के लिए
कुकिंग निर्देश
छत्तीसगढ़ी ठेठरी बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में छाना हुआ बेसन ले उसमे अजवाइन, तिल, लाल मिर्च पाउडर, नमक मिला दे..अब तेल गरम करें और इसमें मिला कर मोयन दे
मोयन देकर थोड़ा थोड़ा पानी डाल कर कड़ा आटा गूथ ले 20 मिनट रेस्ट करने रख दें
अब गूथे हुए बेसन से छोटी छोटी लोई बना लें
अब लोई को लंबा करके रोल्स तैयार करे और उसे गोल या अपने मनपसंद आकार में बना लें
इसी प्रकार सारी लोई से मनपसंद आकार में बना लें
एक कढ़ाई में तेल गर्म करने रखे गैस मध्यम आंच पर रखे और ठेठरी को तेल में डाल कर तल लें दोनो तरफ से सुनहरा होने इसी प्रकार सारी ठेठरी तल ले
तैयार है छत्तीसगढ़ी ठेठरी इसे एयरटाइट डिब्बे में एक महीने तक रख कर खा सकते हैं
कटवा
सामग्री
- 1 कटोरी मैदा
- 1/2 कटोरी सूजी
- 1 गिलास दूध
- 100 ग्राम मूंगफलीदाना
- 1 कटोरी शक्कर
- आवश्यकतानुसार घी
कुकिंग निर्देश
एक गिलास दूध में एक कटोरी शक्कर अच्छी तरह मिला लें ताकि शक्कर दूध में घुल जाए द्य
एक बॉल में एक कटोरी मैदा आधा कटोरी सूजी घी लेकर मोयन तैयार करें जब यह हाथों से बंद जाए तो मूंगफली दाना दूध में मिलाए शक्कर को थोड़ा-थोड़ा मिलाते हुए सॉफ्ट डोह तैयार कर ले द्य
अब इस डोह को चकली पर गोलाकार बेल ले चाकू की सहायता से मनपसंद आकार में काट ले द्य
गैस ऑन कर कढ़ाई गर्म करें तेल डाले मीडियम आंच पर कटे हुए कटवे को डाले उलट पलट कर तल कर निकाल ले सर्व करने को तैयार हैं