टमाटर के गिरते दामों से परेशान एमपी के किसान, मुफ्त में बांटने का किया ऐलान

चरगवां बिजौरी (मध्य प्रदेश): जबलपुर के गांवों में टमाटर और शिमला मिर्च उगाने वाले किसान इस वक्त बड़ी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इस साल टमाटर की फसल बंपर हुई है, लेकिन बाजार में इसकी कीमत इतनी गिर गई है कि किसानों के लिए अपना खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है। कई किसान तो अपने खेतों से टमाटर मुफ्त में बांट रहे हैं, क्योंकि उन्हें इसे तोड़ने और मंडी तक ले जाने की लागत भी नहीं मिल पा रही है। इस साल जबलपुर के ग्रामीण इलाकों में टमाटर के दाम किसानों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। खेतों में टमाटर की भरमार तो है, लेकिन खरीदारों की कमी के चलते इसकी बिक्री नहीं हो पा रही है। किसानों का कहना है कि टमाटर की तुड़ाई की लागत भी नहीं निकल पा रही है, तो मुनाफे की बात तो दूर की है। नतीजतन, बहुत से किसान अपने खेतों में ही टमाटर को सड़ने या सूखने के लिए छोड़ रहे हैं। इस कारण उन्होंने आसपास के गांवों में यह सूचना दी है कि जो भी टमाटर लेना चाहे, वह खेत से मुफ्त में तोड़कर ले जा सकता है।
10 एकड़ में लगी फसल, लागत भी डूब गई कुछ किसानों की हालत तो और भी बुरी है। जमुनिया गांव के किसान रोबिन राय, जो लगभग 25 से 26 एकड़ में सब्जी की खेती करते हैं, ने इस साल टमाटर की फसल पर करीब 60 से 70 हजार रुपये खर्च किए थे। लेकिन जब उन्हें टमाटर के उचित दाम नहीं मिले, तो उन्होंने फसल की तुड़ाई भी बंद कर दी। उनका कहना है कि जब टमाटर 1 या 2 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, तो वह क्या कमाएंगे? इस स्थिति में और ज्यादा मेहनत करने से नुकसान होगा, इसलिए उन्होंने तय किया कि अब वे टमाटर मुफ्त में ही देंगे। 10 रुपये में 5 किलो टमाटर बाजार में टमाटर के दाम के बारे में बात की तो सब्जी व्यापारियों ने बताया कि स्थानीय बाजार में टमाटर की इतनी अधिक आवक हो रही है कि बाहर से टमाटर लाने की जरूरत ही नहीं है। यहां पर टमाटर 1 रुपये या 2 रुपये प्रति किलो के भाव में बिक रहा है। कई जगह तो टमाटर 10 रुपये में 5 किलो तक मिल रहा है।