कोरबा जिला के ग्राम कोरकोमा की श्रीमती वंदना राठिया की इच्छा थी कि वे अपने बेटे के गले में सोने का छोटा सा ही सही एक लॉकेट जरूर पहनाएं, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वह अपनी इच्छा पूरी ही नहीं कर पा रही थी। वंदना ने कुछ रूपए बचत कर जोड़े जरूर थे, लेकिन वह इतनी राशि नहीं थी कि उससे उसका लॉकेट आ जाए। इसी बीच छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जब महतारी वंदन योजना लागू की गई तो वंदना की मानों किस्मत खुल गई। अपना नाम जोड़वाने के बाद वंदना के बैंक खाते में भी एक हजार की राशि प्राप्त होने लगी। उन्होंने कुछ महीनों की राशि को जमा कर इतने रूपये जोड़ लिए कि बच्चे के गले का लॉकेट आ जाए। आखिरकार वंदना ने गांव के बाजार में जाकर सुनार से लॉकेट बनवाकर अपने बच्चे के गले में पहनाई।
श्रीमती राठिया ने बताया कि महतारी वंदन योजना के लागू होने से हम महिलाओं को हर महीने एक हजार रूपये मिल जाता है। यह हमारे बहुत काम की राशि होती है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए एक हजार की रकम बड़ी राशि होती है। उन्होंने बताया कि पति की कमाई से घर का खर्च चल पाता है। कोरकोमा के साप्ताहिक बाजार में अपने बच्चे के लिए लॉकेट खरीदने आई वंदना राठिया ने योजना को लेकर खुशी जताई और इस राशि का आने वाले समय में सदुपयोग करने की बात कही।
गौरतलब है कि महिलाओं के स्वाभिमान और सम्मान के प्रतीक के रूप में महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ सरकार ने शुरू की है। इससे महिलाओं में एक नया आत्मविश्वास जगा है और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ी है।
महतारी वंदन योजना के तहत राज्य में विवाहित महिलाओं को 1,000 रुपए प्रतिमाह (कुल 12,000 रुपए सालाना) वित्तीय सहायता दी जा रही है, जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जा रही है। महिलाएं खुश है कि वो महतारी वंदन योजना से मिली राशि से अपने बच्चों और परिवार की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी कर पा रहीं हैं।