“RSS में अब तक कोई दलित, मुस्लिम या महिला सरसंघचालक क्यों नहीं? कांग्रेस का तीखा सवाल”

कांग्रेस की तरफ़ से पलटवार – मोदी पहले बताएं, RSS ने आज तक किसी दलित, मुस्लिम या महिला को प्रमुख क्यों नहीं बनाया? बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिसार की एक सभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा था कि अगर कांग्रेस को सच में मुसलमानों की फिक्र है, तो अब तक किसी मुसलमान को राष्ट्रपति क्यों नहीं बनाया? इस बयान पर अब महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सपकाल ने कहा कि प्रधानमंत्री अगर ऐसे सवाल उठा रहे हैं, तो पहले उन्हें ये जवाब देना चाहिए कि आरएसएस ने आज तक किसी दलित, मुस्लिम या महिला को सरसंघचालक क्यों नहीं बनाया? दूसरों पर उंगली उठाना आसान होता है, लेकिन खुद को भी आइने में देखना चाहिए। कांग्रेस नेता ने लगाए गंभीर आरोप हर्षवर्धन सपकाल ने प्रधानमंत्री के बयान को अनुचित और भड़काऊ बताया। उन्होंने कहा कि मोदी पिछले 11 साल से लोगों में बंटवारे की राजनीति कर रहे हैं। सपकाल बोले कि कांग्रेस हमेशा सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी रही है, और इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि पार्टी का मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष एक दलित नेता हैं। अंबेडकर और नेहरू के रिश्ते को किया याद सपकाल ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ था, तब पंडित नेहरू ने बाबा साहेब अंबेडकर को देश का पहला कानून मंत्री बनाया था। ये साबित करता है कि कांग्रेस हमेशा संविधान, बराबरी और न्याय के सिद्धांतों को मानती रही है।
मोदी सरकार पर पक्षपात के आरोप सपकाल ने मोदी सरकार पर मुसलमानों और दलितों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, वक्फ बोर्ड से जुड़ी नीतियां भेदभावपूर्ण रही हैं, और ट्रिपल तलाक जैसे फैसले सिर्फ दिखावे भर हैं – असली मकसद मुस्लिम समाज को दबाना है। महिलाओं को नजरअंदाज करने का आरोप सपकाल ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने एक भी मुस्लिम महिला को कोई बड़ा और असरदार राजनीतिक जिम्मेदारी नहीं दी है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया। युवाओं और किसानों के मुद्दों पर भी उठाई आवाज उन्होंने बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं का मुद्दा भी उठाया। कहा कि मोदी सरकार सिर्फ दिखावटी बातें करती है – जैसे थाली बजवाना या मोमबत्तियाँ जलवाना – लेकिन असली समस्याओं से भागती है। संविधान और कांग्रेस के आदर्शों की बात बात को खत्म करते हुए सपकाल ने कहा कि भारत का संविधान हर मजहब और हर जाति को बराबरी से साथ लेकर चलने की बात करता है। उन्होंने संत ज्ञानेश्वर के शब्द “अता विश्वतमाके देवे” का ज़िक्र करते हुए कहा कि यही भावना कांग्रेस की आत्मा है – सबको साथ लेकर चलने की।
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