फोल्डस्कोप पर वर्कशॉप: वैज्ञानिकों ने छात्रों से विज्ञान के व्यावहारिक अनुभव किए साझा ….
छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र में ‘ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल गुड’ विषय पर ‘फोल्डस्कोप एजुकेशनल एंड रिसर्च टूल’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। विज्ञान दिवस पर आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यशाला में छात्रों और शिक्षकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से लेकर सस्ते और व्यावहारिक उपकरणों के उपयोग और रखरखाव की जानकारी दी गई।
वर्कशॉप में फोल्डस्कोप के इस्तेमाल को हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के जरिए बड़े ही रोचक तरीके से समझाया गया। पादप कोशिकाओं के विभिन्न प्रकार के नमूने, जंतु कोशिकाओं की स्लाइड, विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जल के नमूने, अनेक रासायनिक अभिक्रियाओं से प्राप्त उत्पाद, जीवाणु, कवक, प्रोटोजोआ, अनेक एककोशिकीय तथा द्विकोशीय सूक्ष्म जीवों को फोल्डस्कोप के माध्यम से देखना सिखाया गया, जो कि बहुत ही रोमांचक।
वर्तमान में, सूक्ष्मदर्शी केवल उनकी उच्च लागत, भंगुरता और उच्च रखरखाव के कारण प्रयोगशाला तक ही सीमित हैं। ऐसे में हमारे आसपास जीवन और सूक्ष्म जीवों को देखने का नजरिया बदलने के लिए ओरिगेमी माइक्रोस्कोप- फोल्डस्कोप की जानकारी दी गई। फोल्डस्कोप ओरिगेमी प्रक्रिया से प्रेरित एक अत्यंत किफायती पेपर माइक्रोस्कोप है।
कार्यशाला में महानिदेशक डॉ. एस. कर्माकर ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर महान भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर चंद्रशेखर वेंकटरमन को याद करते हुए उनकी उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज रमन इफेक्ट के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि युवाओं में वैज्ञानिक सोच का विकास देश को नई दिशा देता है। डॉ. कर्मकार ने छात्रों को मानव कल्याण के लिए शोध करने के लिए प्रेरित किया। परियोजना निदेशक डॉ. शिरीष कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के युवा वैज्ञानिकों और छात्रों को प्रौद्योगिकी के उन क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए जिनमें रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हैं, क्योंकि राज्य सरकार ने नरुवा, गुरुवा, घुरूवा और बाड़ी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी परियोजनाएं शुरू की हैं. इसमें शामिल कर आर्थिक विज्ञान को नया रूप दिया जा सकता है।
वैज्ञानिक अधिकारी श्रीमती प्रज्ञा कदम ने कहा कि वर्तमान में भारत में संसाधनों की कमी है। ऐसे में ऐसे सस्ते वैज्ञानिक उपकरण उनमें विज्ञान में शोध करने के लिए वैज्ञानिक रुचि जगाएंगे। यदि हर बच्चे के पास ऐसा सूक्ष्मदर्शी हो तो विज्ञान का अध्ययन प्रयोगशाला तक सीमित न होकर हमारी नियमित दिनचर्या में शामिल होगा और निश्चित रूप से विज्ञान शिक्षा की ओर छात्रों को आकर्षित करेगा। कार्यक्रम में शामिल राजकीय विद्यालय फूँढर एवं राजकीय विद्यालय दलदल सिवनी के सभी प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।