ममता बनर्जी की हालिया टिप्पणियों ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है, जिसके कारण भाजपा नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कोलकाता में एक जनसभा के दौरान ममता ने दावा किया कि अगर बंगाल में डॉक्टर की हत्या के कारण आग भड़कती है तो इसका असर असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, बिहार और दिल्ली समेत अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर ये घटनाएं हुईं तो पीएम मोदी की स्थिति डगमगा जाएगी।
ममता ने टीएमसी छात्र विंग को संबोधित करते हुए आगे कहा कि, हालांकि उन्होंने अपने जीवन में कभी बदला लेने की कोशिश नहीं की, लेकिन उन्होंने अपने समर्थकों से जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। इस घोषणा ने न केवल बंगाल में बल्कि पूरे देश में राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया है।ममता की टिप्पणियों के जवाब में, भाजपा नेता उनके खिलाफ एकजुट हो गए हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सवाल किया कि वह असम को धमकाने की हिम्मत कैसे कर सकती हैं। X पर, सरमा ने लिखा, “दीदी, असम को धमकाने की आपकी हिम्मत कैसे हुई? हमें डराने की कोशिश मत करो। आपकी विभाजनकारी बयानबाजी आपको शोभा नहीं देती, खासकर जब बात राष्ट्र की हो।”
असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने भी ममता के बयानों की निंदा की। उन्होंने कहा कि वह असम को धमकाने वाली नहीं हो सकतीं, खासकर जब वह अपने राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हों। हजारिका ने जोर देकर कहा कि असम में ऐसी रणनीति काम नहीं करेगी और ममता को एक अनुभवी नेता के रूप में उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाते हुए उनसे सार्वजनिक रूप से अधिक उचित तरीके से संवाद करने का आग्रह किया।