अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि तेहरान द्वारा इजरायल पर लगभग 200 मिसाइलें दागने के बाद, यह हमला असफल और बेअसर साबित हुआ है।इजरायली सेना के अनुसार, इस हमले में कोई भी घायल नहीं हुआ। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिडेन ने कहा, “मेरे निर्देश पर, अमेरिकी सेना ने इजरायल की रक्षा में सक्रिय रूप से मदद की। हम अब भी आकलन कर रहे हैं, लेकिन जो शुरुआती जानकारी है, उसके आधार पर, यह हमला असफल और बेअसर साबित हुआ है। यह इजरायल की सैन्य ताकत और अमेरिका-इजरायल के बीच गहरी योजना और सहयोग का नतीजा है।”बिडेन ने आगे कहा, “कोई भ्रम न रहे, अमेरिका इजरायल का पूरा समर्थन करता है। मैंने आज सिचुएशन रूम में अपनी पूरी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ समय बिताया, और हम लगातार इजरायल के अधिकारियों से संपर्क में हैं।”
व्हाइट हाउस के अनुसार, बिडेन ने अमेरिकी सेना को इजरायल की रक्षा में सहायता करने और ईरान की मिसाइलों को मार गिराने का निर्देश दिया।पेंटागन के प्रवक्ता मेजर जनरल पैट्रिक एस राइडर ने बताया कि अधिकांश मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुँचने से पहले ही नष्ट कर दी गईं, जबकि कुछ मिसाइलों ने असर किया, लेकिन नुकसान मामूली था। राइडर ने यह भी कहा कि पूर्वी भूमध्य सागर में तैनात अमेरिकी विध्वंसक युद्धपोतों ने ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में मदद की।उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “ईरान एक अस्थिर और खतरनाक ताकत है, और आज का हमला इस तथ्य को और पुख्ता करता है।” उन्होंने यह भी कहा कि ईरान न केवल इजरायल बल्कि पूरे क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों और नागरिकों के लिए खतरा बना हुआ है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि यह पिछले पाँच महीनों में इजरायल पर ईरान का दूसरा सीधा हमला था, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है और जिसकी पूरी दुनिया को निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “इजरायल ने इस हमले का सफलतापूर्वक मुकाबला किया, जिसमें अमेरिका और अन्य सहयोगियों का भी महत्वपूर्ण योगदान था।”राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने पत्रकारों को बताया कि अमेरिकी सेना ने इजरायल के साथ मिलकर इस हमले का जवाब दिया और इसकी नाकामी सुनिश्चित की। उन्होंने कहा, “यह हमला इजरायली रक्षा बलों की कुशलता और अमेरिकी सेना की सावधानीपूर्वक योजना का नतीजा था।”
सुलिवन ने यह भी बताया कि जाफा में एक आतंकवादी हमले की भी खबर है, जिसमें कई इजरायली नागरिक मारे गए और घायल हुए। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि अमेरिका इजरायल के साथ निकट संपर्क में रहेगा।पेंटागन ने बताया कि हमले से पहले और उसके दौरान अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट से बात की। ऑस्टिन ने इजरायल की रक्षा के लिए अमेरिका की अडिग प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि अमेरिका पूरे मध्य पूर्व में ईरानी खतरों का सामना करने के लिए तैयार है।दूसरी ओर, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बाइडेन प्रशासन पर इस हमले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दुनिया जल रही है और नियंत्रण से बाहर हो रही है। हमारे पास कोई नेतृत्व नहीं है। बाइडेन और कमला हैरिस के पास न तो कोई योजना है और न ही उन्हें समझ है कि क्या हो रहा है।”