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संसद में पूर्वोत्तर से जुड़े सवाल क्यों हटाए गए? मणिपुर सांसद ने उठाया बड़ा मुद्दा

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मणिपुर के सांसद ने सरकार पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- मेरे सवाल लिस्ट से हटा दिए गए मणिपुर के सांसद ए बिमोल अकोइजम ने आरोप लगाया है कि 11 मार्च 2025 को संसद में पूछे जाने वाले उनके सवालों को सूची से हटा दिया गया। उन्होंने इसे एक चुने हुए सांसद के अधिकारों और विशेषाधिकारों का “गंभीर उल्लंघन” बताया है। सवाल लिस्ट से कैसे गायब हुए? अकोइजम का कहना है कि उन्होंने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और संसदीय कार्य मंत्री से मुलाकात कर इस “अजीब घटना” पर चर्चा की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया, “मेरा नाम 11 मार्च 2025 को स्टारred questions (महत्वपूर्ण सवालों) की सूची में 16वें नंबर पर था। लेकिन जब अंतिम सूची जारी हुई, तो मेरा नाम गायब था। यानी, मेरे सवालों को हटा दिया गया।”उन्होंने आगे कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार उनके सवाल किसी भी नियम या योग्यता से बाहर नहीं आते थे, फिर भी उन्हें हटाया गया।

लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल कांग्रेस नेता अकोइजम का कहना है कि “यह निर्वाचित सांसद के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। इससे मेरी संवैधानिक जिम्मेदारी और संसद में मेरी निगरानी भूमिका कमजोर होती है।” इस मामले को लेकर उन्होंने 6 मार्च 2025 को महासचिव को पत्र भी लिखा था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। स्पीकर ने दी कार्रवाई का आश्वासन अकोइजम ने बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और फिर स्पीकर से मुलाकात की। “लोकसभा अध्यक्ष, जो सदन के संरक्षक हैं, उन्होंने मेरी बात सुनी और कहा कि अगले हफ्ते इस पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे,” उन्होंने बताया। कौन से थे उनके सवाल? अकोइजम के सवाल “पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवादी समूहों का पुनर्वास” से जुड़े थे। उन्होंने सरकार से यह जानकारी मांगी थी कि अब तक पूर्वोत्तर राज्यों में कितने उग्रवादी/सशस्त्र समूहों के साथ समझौते किए गए हैं? उन्होंने राज्यवार आंकड़ों की भी मांग की थी। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

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