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GST में बदलाव का असर: ऑनलाइन शॉपिंग पर क्यों लग रहा है ब्रेक, और दिवाली तक कैसी होगी तस्वीर?

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GST की नई लहर: क्या महंगे गैजेट्स होंगे सस्ते? ग्राहकों का खरीदारी पर ‘ब्रेक’

GST सुधारों का असर: लोग क्यों रोक रहे हैं खरीदारी?-GST यानी वस्तु एवं सेवा कर में संभावित सुधारों की आहट से बाजार में एक नई तरह की खामोशी छा गई है। खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और बड़े घरेलू उपकरणों जैसे कि रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और वॉशिंग मशीन की खरीद के मामले में, लोग इन दिनों एक ‘इंतजार करो और देखो’ की नीति अपना रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद इन महंगी चीज़ों की कीमतें कम हो सकती हैं। इसलिए, कई खरीदार अपनी खरीददारी को दिवाली जैसे बड़े त्योहारी सीजन तक टाल रहे हैं, जब शायद उन्हें बेहतर डील मिल सके।

मौजूदा GST ढांचा और प्रस्तावित बदलाव: क्या है खास?-वर्तमान में, भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर 5% से लेकर 28% तक चार अलग-अलग टैक्स स्लैब लागू हैं। लेकिन सरकार इस व्यवस्था को सरल बनाने की दिशा में सोच रही है। नए प्रस्तावों के अनुसार, ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं को या तो 5% या 18% के टैक्स स्लैब में लाने की योजना है। अगर यह बदलाव अमल में आता है, तो इसका सीधा और सकारात्मक असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, क्योंकि टीवी, फ्रिज, एसी और वॉशिंग मशीन जैसे महंगे उत्पादों की कीमतें निश्चित रूप से कम हो जाएंगी। इस महत्वपूर्ण निर्णय पर GST काउंसिल की 3 और 4 सितंबर को होने वाली बैठक में मुहर लग सकती है।

महंगे गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स पर GST का संभावित प्रभाव-विशेषज्ञों का मानना है कि यदि GST का नया, सरल ढांचा लागू होता है, तो महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की कीमतों में 10% तक की कमी आ सकती है। उदाहरण के तौर पर, आज जो स्मार्टफोन लगभग 1.20 लाख रुपये का मिल रहा है, वह संभवतः कुछ महीनों के बाद 1.08 लाख रुपये में उपलब्ध हो सकता है। यही कारण है कि लोग अभी खरीदारी करने से कतरा रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि यह निर्णय देर से लिया जाता है, तो एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर जैसे उत्पादों की बिक्री पर 25% से 30% तक का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जो विक्रेताओं के लिए चिंता का विषय है।

ई-कॉमर्स दिग्गजों की तैयारी: दिवाली की रणनीति-Flipkart और Amazon जैसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स इस स्थिति के लिए पहले से ही कमर कस चुके हैं। वे प्रमुख ब्रांडों के साथ मिलकर खास रणनीतियाँ बना रहे हैं। वे जानते हैं कि दिवाली का त्योहारी सीजन बिक्री के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है, और यदि टैक्स स्लैब में बदलाव होता है, तो मांग में अचानक भारी वृद्धि की संभावना है। इन कंपनियों का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहकों को सही समय पर आकर्षक डील्स मिलें। इससे न केवल ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि बिक्री में भी ज़बरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है, जो उनके लिए एक बड़ा अवसर होगा।

त्योहारी खरीदारी का सांस्कृतिक महत्व और GST का योगदान-भारत में, त्योहारों के दौरान खरीदारी करना केवल एक आर्थिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और भावनाओं का एक अभिन्न अंग है। चाहे नया फ्रिज खरीदना हो, एक नया स्मार्टफोन लेना हो, या घर को सजाने के लिए कुछ खास चीजें लेनी हों, परिवार अक्सर इन बड़े फैसलों को त्योहारी सीजन के दौरान ही लेते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर GST में राहत मिलती है, तो लोगों की क्रय शक्ति में और वृद्धि होगी। इसका सीधा परिणाम यह होगा कि दिवाली के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर बिक्री के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट सकते हैं, जिससे बाजार में एक सकारात्मक माहौल बनेगा।

छोटा सा इंतजार, बड़ी उम्मीदें-फिलहाल, ई-कॉमर्स कंपनियों और ग्राहकों के बीच खरीदारी को लेकर थोड़ी धीमी गति जरूर देखी जा रही है, लेकिन यह स्थिति अस्थायी है। GST सुधारों के लागू होने के बाद, भारतीय बाजार में निश्चित रूप से एक नई ऊर्जा का संचार होगा। उम्मीद की जा रही है कि इस बार दिवाली पर होने वाली ऑनलाइन खरीदारी पिछले वर्षों के बिक्री आंकड़ों को पीछे छोड़ सकती है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत होगा।

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