GST 2.0 के बीच ऑटो रिटेल बिक्री में हल्की बढ़त, सितंबर में दिखेगा असली उछाल?

अगस्त में ऑटो बिक्री: उम्मीदों और हकीकत का खेल!
कुल बिक्री में मामूली उछाल, पर वजहें खास-फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 में भारत में ऑटो रिटेल बिक्री ने 2.84% की बढ़त दर्ज की, जो कुल 19,64,547 यूनिट्स तक पहुँच गई। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 19,10,312 यूनिट्स था। ऊपरी तौर पर यह बढ़त थोड़ी कम लग सकती है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी कहानी छिपी है। दरअसल, ग्राहकों ने नए GST 2.0 के लागू होने से पहले गाड़ियों की खरीदारी को थोड़ा टाल दिया, क्योंकि हर कोई उम्मीद कर रहा था कि टैक्स में कटौती के बाद कीमतें और भी कम हो जाएँगी। शुरुआत में डीलरशिप्स पर पूछताछ और त्योहारी सीजन की बुकिंग्स तो अच्छी हुईं, पर महीने के दूसरे हिस्से में यह उत्साह थोड़ा ठंडा पड़ गया। इसका सीधा असर अगस्त की बिक्री के आंकड़ों पर दिखा, जो उम्मीद से कुछ कमज़ोर रहे। यह दिखाता है कि कैसे ग्राहकों की उम्मीदें और बाजार की चाल मिलकर बिक्री को प्रभावित करते हैं।
पैसेंजर व्हीकल्स: हल्की बढ़त, पर उम्मीदों पर पानी फिरा-पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट, जिसमें कारें और SUV शामिल हैं, की बिक्री अगस्त में 3,23,256 यूनिट्स रही। यह पिछले साल के मुकाबले 0.93% की मामूली बढ़ोतरी है। शुरुआत में तो ग्राहकों ने नई कारों को लेकर काफी दिलचस्पी दिखाई और कई बुकिंग्स भी हुईं, लेकिन GST 2.0 की घोषणा ने यहाँ भी थोड़ा असर डाला। ज़्यादातर लोगों ने सोचा कि कुछ हफ्ते इंतज़ार करने पर शायद गाड़ियाँ और सस्ती मिलें, इसलिए उन्होंने खरीददारी को आगे बढ़ा दिया। नतीजतन, डीलरों के पास बुकिंग्स तो बनी रहीं, लेकिन असल डिलीवरी में थोड़ी कमी देखी गई। इस वजह से, अगस्त का प्रदर्शन उतना शानदार नहीं रहा जितनी उम्मीद की जा रही थी, यह दर्शाता है कि कैसे टैक्स संबंधी बदलावों का सीधा असर ऑटोमोबाइल बाज़ार पर पड़ता है।
टू-व्हीलर: त्योहारों की बहार और कुछ अड़चनें-दो-पहिया वाहनों की बिक्री अगस्त में 2.18% बढ़कर 13,73,675 यूनिट्स तक पहुँच गई। इस बढ़ोतरी का एक बड़ा श्रेय त्योहारों की शुरुआत को जाता है। ओणम और गणेश चतुर्थी जैसे शुभ अवसरों पर लोगों ने स्कूटर और बाइक खरीदने में काफी दिलचस्पी दिखाई। हालाँकि, उत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ ने ग्रामीण इलाकों में बिक्री पर थोड़ा असर डाला। इसके अलावा, कुछ लोकप्रिय स्कूटर मॉडलों की सप्लाई भी कम रही, जिसकी वजह से कई जगहों पर ग्राहकों को तुरंत डिलीवरी नहीं मिल पाई। इन चुनौतियों के बावजूद, त्योहारों के मौसम ने दो-पहिया बाज़ार को संभाले रखा और पूछताछ का स्तर काफी अच्छा बना रहा। यह दिखाता है कि कैसे त्योहारी मांग ऑटो सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बनती है।
कमर्शियल और थ्री-व्हीलर: मिले-जुले संकेत-अगस्त में कमर्शियल वाहनों ने सबसे अच्छी परफॉर्मेंस दिखाई, जहाँ बिक्री 8.55% बढ़कर 75,592 यूनिट्स तक पहुँच गई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 69,635 यूनिट्स था। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि ट्रकों और अन्य कमर्शियल गाड़ियों की माँग लगातार बढ़ रही है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। वहीं, थ्री-व्हीलर बिक्री में थोड़ी गिरावट देखने को मिली। पिछले साल अगस्त में जहाँ 1,05,493 यूनिट्स बिकी थीं, वहीं इस बार यह आंकड़ा घटकर 1,03,105 रह गया। हालाँकि यह गिरावट बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन यह इंगित करता है कि थ्री-व्हीलर बाज़ार फिलहाल एक स्थिर दौर से गुज़र रहा है। यह दिखाता है कि विभिन्न वाहन सेगमेंट की अपनी अलग-अलग गति और चुनौतियाँ होती हैं।
FADA का नज़रिया: GST 2.0 और आने वाले समय का भरोसा-FADA के प्रेसिडेंट, सीएस विग्नेश्वर, का मानना है कि अगस्त का महीना हमेशा त्योहारों की वजह से खास होता है और इस बार भी ग्राहकों में उत्साह देखा गया। उन्होंने स्वीकार किया कि असली चुनौती डील्स को फाइनल करने में आई, क्योंकि लोग GST 2.0 के संभावित फायदों का इंतज़ार कर रहे थे। उन्होंने नए GST रेट कट्स को एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह ‘सिंपल टैक्स’ व्यवस्था भारत को एक बेहतर आर्थिक दिशा देगी। उनके अनुसार, GST 2.0 और त्योहारों का संयुक्त प्रभाव आने वाले महीनों में ऑटो सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह उम्मीद जगाता है कि टैक्स सुधारों का सकारात्मक असर जल्द ही देखने को मिलेगा।
सितंबर का गणित: दो हिस्सों में बंटा बाज़ार-FADA का अनुमान है कि सितंबर का महीना ऑटो सेक्टर के लिए दो चरणों में बँटा रहेगा। पहले पखवाड़े में श्राद्ध और GST को लेकर अनिश्चितता के कारण बिक्री थोड़ी धीमी रह सकती है। लेकिन, दूसरे पखवाड़े में नवरात्रि और दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहारों के आने से माँग में तेज़ी आने की उम्मीद है। कंपनियाँ भी इस मौके का फायदा उठाने के लिए खास स्कीम्स पेश कर रही हैं, जिससे ग्राहक अभी गाड़ी बुक कर सकते हैं और GST के लाभ बाद में भी प्राप्त कर सकते हैं। यह रणनीति बिक्री को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, जिससे त्योहारी सीजन का पूरा लाभ उठाया जा सके।
भविष्य की राह: उम्मीदों का नया सवेरा-कुल मिलाकर, GST 2.0, त्योहारों का मौसम और कंपनियों की आकर्षक स्कीम्स मिलकर सितंबर और उसके बाद के महीनों में ऑटो रिटेल को एक बड़ी गति दे सकते हैं। FADA को पूरा भरोसा है कि ऑटो सेक्टर अब एक नए विकास चक्र की शुरुआत करने वाला है। त्योहारों के दौरान कार, बाइक और कमर्शियल वाहनों की खरीदारी को पारंपरिक रूप से शुभ माना जाता है, इसलिए डीलरशिप्स को आने वाले दिनों में ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिल सकती है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो सितंबर भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जो भविष्य में और भी बेहतर प्रदर्शन की ओर ले जाएगा।



