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भारत-अमेरिका संबंध: रणनीतिक साझेदारी और व्यापारिक अवसरों पर जोर

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 भारत-अमेरिका की दोस्ती: व्यापार से लेकर वैश्विक मंच तक, जानिए क्या हुई खास बात!

जब भारत और अमेरिका के बीच हुई अहम मुलाकात-सोचिए, दुनिया के दो बड़े देशों के बीच जब बात होती है, तो क्या-क्या मुद्दे छाए रहते होंगे? हाल ही में न्यूयॉर्क में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश सचिव मार्को रुबियो के बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक बड़े कार्यक्रम के दौरान हुई, जहाँ दुनिया भर के नेता इकट्ठा होते हैं। इस मुलाकात में रुबियो ने साफ कहा कि भारत अमेरिका के लिए कितना खास है। उन्होंने भारत के साथ व्यापार, रक्षा और ऊर्जा जैसे कई मामलों में सहयोग की खूब तारीफ की। दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि वे मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र को और खुला और सुरक्षित बनाने के लिए काम करते रहेंगे। यह दिखाता है कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहते हैं और अपने रिश्तों को और मजबूत करना चाहते हैं।

व्यापार और वीज़ा पर गरमागरम चर्चा-अब बात करते हैं उन मुद्दों की जिन पर थोड़ी नोंक-झोंक भी हुई। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर काफी बातें हुईं। खासकर, अमेरिका द्वारा लगाए गए कुछ अतिरिक्त टैक्स और H1B वीज़ा से जुड़े नियमों पर भी चर्चा हुई। अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर कुछ टैक्स बढ़ा दिए थे, जिससे कुल टैक्स 50% तक पहुँच गया। इसके अलावा, H1B वीज़ा के लिए 100,000 डॉलर की फीस का फैसला भी भारतीय पेशेवरों, खासकर आईटी और मेडिकल फील्ड में काम करने वालों के लिए थोड़ी चिंता की बात बन गई थी। लेकिन अच्छी बात यह है कि भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी न्यूयॉर्क में इस व्यापार समझौते पर बात कर रहे हैं। दोनों देशों का लक्ष्य है कि 2025 तक व्यापार समझौते का पहला चरण पूरा कर लिया जाए और 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 500 बिलियन डॉलर तक पहुँच जाए। यह दिखाता है कि व्यापारिक रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए दोनों देश गंभीर हैं।

दुनिया भर के मुद्दों पर भी हुई बात-सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों पर ही नहीं, बल्कि एस. जयशंकर ने यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों और अमेरिका के एक खास अधिकारी से भी मुलाकात की। इन मुलाकातों में यूक्रेन में चल रहे युद्ध, गाजा में संकट, ऊर्जा की कीमतें और व्यापार जैसे बड़े वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। उन्होंने फिलीपींस के विदेश सचिव से भी बात की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम करने और संयुक्त राष्ट्र में सहयोग पर चर्चा की। जयशंकर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का पक्ष भी रखेंगे। यह सब दिखाता है कि भारत दुनिया के मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है और वैश्विक मुद्दों पर अपनी राय रख रहा है। यह सब भारत की वैश्विक रणनीति और आर्थिक हितों को मजबूत करने के लिए बहुत अहम है।

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