Madhya Pradesh

भोपाल के 16 अस्पतालों पर नोटिस: बड़ी लापरवाही उजागर

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भोपाल : भोपाल के 16 निजी अस्पतालों को सीएमएचओ कार्यालय ने नोटिस भेजा है, क्योंकि नर्सिंग होम पोर्टल की नियमित जांच में पता चला कि कई अस्पतालों ने फायर एनओसी और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की अनुमति समय पर रिन्यू नहीं कराई। दस्तावेजों की वैधता खत्म होने पर तुरंत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कदम अस्पतालों की सुरक्षा और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

अधिनियम 1973 के तहत दो सप्ताह की मोहलत- मध्यप्रदेश उपचर्यागृह और रूजोपचार अधिनियम 1973 के तहत इन अस्पतालों को दो हफ्ते का समय दिया गया है। इस दौरान उन्हें वैध प्रमाण पत्र जमा करना होगा। यदि समय सीमा के भीतर दस्तावेज नहीं जमा किए गए, तो अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। प्रशासन ने साफ कहा है कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कड़ी कार्रवाई होगी।

सीएमएचओ ने बताया जांच का तरीका और दी चेतावनी- सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि अस्पतालों के संचालन के लिए फायर एनओसी, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की डिग्री, रजिस्ट्रेशन, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की अनुमति जरूरी होती है। जिन अस्पतालों ने समय पर दस्तावेज अपडेट नहीं किए, उनके खिलाफ नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का मकसद स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखना है।

नोटिस पाने वाले 16 अस्पतालों की सूची- नोटिस मिलने वाले अस्पतालों में श्री बालाजी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, माहेश्वरी हॉस्पिटल, रेडक्रॉस हॉस्पिटल, लक्ष्य मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, राधारमन आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज रिसर्च हॉस्पिटल, सिटी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, डीकेएस हॉस्पिटल, प्रयास मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल, महर्षि वैदिक हेल्थ सेंटर, दुलार चिल्ड्रन हॉस्पिटल, नेत्रिका नेत्रालय, आयुष हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, दीपशिखा हॉस्पिटल, प्रभात श्री हॉस्पिटल, आईमैक्स रेटिना एंड आई केयर सेंटर और ट्रिनिटी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल शामिल हैं। भोपाल के इन अस्पतालों में सुरक्षा और कानूनी नियमों की अनदेखी ने स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए दो सप्ताह में सुधार की मांग की है। यह कदम मरीजों की सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है, ताकि अस्पतालों में किसी भी तरह की लापरवाही न हो।

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