राजस्व प्रकरणों में लापरवाही पर प्रशासन ने कसा शिकंजा: तीन पटवारियों का निलंबन

बैठक में सामने आई गंभीर लापरवाही- 4 दिसंबर को जिला पंचायत सभागार में हुई समीक्षा बैठक में जैतहरी, अनूपपुर और कोतमा तहसीलों के लंबित राजस्व प्रकरणों की स्थिति पर चर्चा हुई। बैठक में पता चला कि तीनों पटवारियों के क्षेत्र में कई नामांतरण और बंटवारे के मामले महीनों से बिना हल हुए पड़े थे। रामबदन चौधरी, प्रियंका सोनी और सतेन्द्र विश्वकर्मा ने इन मामलों को समय पर निपटाने में कोई खास प्रयास नहीं किया।
कलेक्टर ने लिया सख्त फैसला- लापरवाही और नियमों की अवहेलना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर हर्षल पंचोली ने तीनों पटवारियों को तत्काल निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई सिविल सेवा नियम 1966 के तहत की गई है। निलंबन के दौरान उनके कार्यालय और मुख्यालय निर्धारित किए गए हैं, साथ ही उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता भी मिलेगा। प्रशासन उनकी निगरानी कर सुधार सुनिश्चित करेगा।
निलंबन के बाद आगे की प्रक्रिया- निलंबन अवधि में पटवारियों के कार्यों की कड़ी निगरानी की जाएगी ताकि उनकी जिम्मेदारी में सुधार हो सके। प्रशासन ने साफ किया है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। इससे राजस्व प्रकरणों के त्वरित निपटान की उम्मीद बढ़ गई है।



