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खरमास में भी नहीं टूटी सोने-चांदी की चमक: 18 दिसंबर को रिकॉर्ड के पास बने दाम

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खरमास में भी सोने की चमक बरकरार, बड़ी गिरावट से अभी दूर-खरमास के दौरान आमतौर पर सोने-चांदी के दामों में गिरावट की उम्मीद होती है क्योंकि शादी-ब्याह की रौनक कम हो जाती है। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है। 18 दिसंबर की सुबह तक सोने की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं और सिर्फ मामूली गिरावट ही देखने को मिली है। यह दर्शाता है कि घरेलू बाजार में सोने की मांग अभी भी मजबूत है। निवेशक और खरीदार इसे सुरक्षित निवेश मानकर खरीदारी जारी रखे हुए हैं, जिससे सोने की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है।

दिल्ली में सोने की कीमतें और बाजार की स्थिति-दिल्ली में 18 दिसंबर की सुबह 24 कैरेट सोने का भाव 1,34,670 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया, जबकि 22 कैरेट गोल्ड 1,23,460 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि खरमास के बावजूद बाजार में सोने को लेकर भरोसा कायम है। आमतौर पर इस समय खरीदारी धीमी होती है, लेकिन कीमतों का स्थिर रहना बताता है कि निवेशक अभी भी सोने में रुचि ले रहे हैं और गिरावट की उम्मीद कम हो रही है।

देश के बड़े शहरों में सोने के दाम-देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पटना, कोलकाता और हैदराबाद में 24 कैरेट गोल्ड के दाम 1,34,800 से 1,35,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच बने हुए हैं। जयपुर, भोपाल, लखनऊ और चंडीगढ़ में भी कीमतें इसी दायरे में हैं। 18 कैरेट गोल्ड के दाम भी लगभग समान स्तर पर हैं। कुल मिलाकर पूरे देश में सोने की कीमतों में मजबूती दिख रही है, जो बाजार की स्थिरता का संकेत है।

चांदी ने भी बनाया नया रिकॉर्ड-सोने के साथ चांदी ने भी अपनी चमक बढ़ाई है। 18 दिसंबर की सुबह चांदी का भाव 2,08,100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 66.52 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड स्तर पर कारोबार कर रही है। सप्लाई में कमी, सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग और सिल्वर ETF में निवेश के कारण चांदी की कीमतों में तेजी आई है। यह तेजी पिछले कुछ महीनों से लगातार जारी है।

चांदी की कीमतों में तेजी के कारण-चांदी की बढ़ती कीमतों के पीछे कई कारण हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन 2026 से चांदी के निर्यात पर रोक लगा सकता है, जिससे वैश्विक सप्लाई पर दबाव बढ़ेगा। इसके अलावा, चीन का चांदी भंडार भी पिछले एक दशक के निचले स्तर पर है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें भी कीमती धातुओं को मजबूती दे रही हैं। ये सभी कारक चांदी की कीमतों को ऊपर ले जा रहे हैं।

खरमास में आम आदमी को राहत क्यों नहीं मिल रही?- खरमास के बावजूद सोना और चांदी आम लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। जो लोग सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट की उम्मीद कर रहे थे, उन्हें फिलहाल केवल मामूली नरमी ही मिली है। बाजार की चाल यह संकेत देती है कि कीमती धातुओं में जल्द कोई बड़ी गिरावट नहीं आने वाली, खासकर जब वैश्विक परिस्थितियां इनके पक्ष में बनी हुई हैं। इसलिए आम आदमी के लिए सोना और चांदी अभी भी महंगे ही हैं।

सोना सस्ता क्यों नहीं हो रहा?- सोने की मजबूती के पीछे घरेलू कारणों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति भी जिम्मेदार है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के दो महीने के निचले स्तर पर आने से विदेशी निवेशकों के लिए सोना खरीदना सस्ता हुआ है, जिससे मांग बढ़ी है। वैश्विक बाजार में सोने का हाजिर भाव 4,321.06 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच चुका है। यह संकेत देता है कि आने वाले दिनों में भी सोने की कीमतें मजबूत बनी रहेंगी और इसकी चमक बरकरार रहेगी।

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