रीपा ने दिया उद्यमी बनने का मौका, बेचीं 6 हजार बोरी, 94 हजार तक की कमाई….
छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के विकासखंड लखनपुर के महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क कुंवरपुर में प्रगति स्वयं सहायता समूह की महिलाएं वर्मीकम्पोस्ट की पैकेजिंग के लिए बोरे बनाने का उद्यम चला रही हैं. वर्तमान में इस समूह द्वारा प्रतिदिन बैग बनाने का कार्य किया जा रहा है। बोरियों का निर्माण शुरू होने के एक माह के भीतर समूह द्वारा लगभग 11 हजार बोरियों का निर्माण किया जा चुका है, जिसमें से लखनपुर विकासखंड के 57 गौठानों में वर्मीकम्पोस्ट पैकेजिंग के लिए 6 हजार बोरियों की आपूर्ति करते हुए बेचा जा चुका है. अब तक महिला उद्यमियों को एक माह में ही 94 हजार रुपये तक की आय प्राप्त हो चुकी है। यहां से बारदानों की आपूर्ति जारी है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क स्थापित करने का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उत्पादों का निर्माण करना, उनके विपणन के लिए जगह बनाना, उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि स्थानीय स्तर पर लोगों को काम मिले, वे आर्थिक रूप से मजबूत बनें और इसी क्रम में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाए। अर्थव्यवस्था का एक सतत चक्र जिसमें उत्पादन, उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए मजबूत लघु उद्यम स्थापित करना। प्रगति महिला समूह ने ग्राम कुंवरपुर स्थित रिपा से जुड़कर एक कदम आगे बढ़कर बोरा निर्माण उद्यम शुरू करने की मंशा जाहिर की है. इस ग्रुप में कुल 12 सदस्य हैं। समूह की अध्यक्ष श्रीमती अनीता एवं सचिव इन्द्रा बाई हैं। आने वाले समय में जिले के सभी 354 ग्रामीण गौठानों में बनने वाले वर्मीकम्पोस्ट को इसी रीपा से तैयार बोरियों में पैक किया जाएगा। इससे गांव में ही बोरी बनाने का उद्यम स्थापित होगा और महिला उद्यमियों के लिए आय के नए रास्ते खुलेंगे।
वर्ष 2023 में सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण औद्योगिक पार्क की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों के माध्यम से महिलाओं और युवाओं को रोजगार से जोड़ना है साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन की व्यवस्था करना है। स्तर। ताकि ग्रामीण क्षेत्र अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु बने। इसी कड़ी में जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में दो रीपा अर्थात् ग्रामीण औद्योगिक पार्क स्थापित किये गये हैं।
वर्ष 2020 में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई जिसमें ग्राम पंचायत कुंवरपुर के गौठान से पशुपालकों, किसानों व गोबर विक्रेताओं से गोबर खरीदा गया. गाय के गोबर की खरीद का उद्देश्य जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए जैविक खाद के उपयोग को प्रोत्साहित करना था। महिला समूहों को आजीविका से जोड़ने के लिए वर्मीकम्पोस्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया और फिर महिलाओं ने गौठान में वर्मीकम्पोस्ट बनाना शुरू किया। किसानों तक वर्मी कम्पोस्ट पहुंचाने के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से खाद की बिक्री शुरू हुई और खाद निर्माण से जुड़े समूह की महिलाओं को खाद की बिक्री से आमदनी का जरिया मिला। खाद बनाने के साथ-साथ महिलाओं ने उद्यान विकास का कार्य भी किया जिससे उनकी आय में वृद्धि होने लगी। जब मेरे हाथ में काम और आमदनी आई तो मुझमें नया आत्मविश्वास आया।