IndiGo में बड़ी गड़बड़: सैकड़ों उड़ानें रद्द, सरकार ने लगाई कड़ी रोक

IndiGo संकट गहराया: आठवें दिन भी 422 फ्लाइटें रद्द, सरकार ने शेड्यूल में कटौती का आदेश दिया- IndiGo का सिस्टम कैसे बैठा: थोड़ी सी कमी कैसे बनी देशभर की उड़ान अफरा-तफरी की वजह, देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo इन दिनों एक बड़े संकट से गुजर रही है। लगातार आठवें दिन फ्लाइट कैंसिलेशन जारी रहने से यात्रियों की परेशानी काफी बढ़ गई है। कंपनी की तरफ से उड़ानों को सामान्य करने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। यह अव्यवस्था सिर्फ कुछ उड़ानों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने पूरे देश की हवाई यात्रा व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिससे यात्रियों में भारी नाराजगी है।
दिल्ली और बेंगलुरु में सबसे ज्यादा उड़ानें रद्द, यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें- मंगलवार को IndiGo ने देश के छह बड़े मेट्रो शहरों से कुल 422 उड़ानें रद्द कर दीं। इनमें सबसे ज्यादा असर दिल्ली और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पड़ा। दिल्ली में 152 उड़ानें रद्द हुईं, जबकि बेंगलुरु में 121 फ्लाइटें रद्द हुईं। इसके अलावा हैदराबाद से 58, मुंबई से 41 और चेन्नई से 50 से ज्यादा उड़ानें रद्द की गईं। इन लगातार कैंसिलेशन की वजह से यात्रियों को आखिरी समय में वैकल्पिक इंतजाम करने में भारी दिक्कतें हो रही हैं, जिससे उनकी यात्रा योजनाएं पूरी तरह गड़बड़ा गई हैं।
सरकार का सख्त कदम: इंडिगो की उड़ानों में 5% की कटौती का आदेश- लगातार बढ़ती अव्यवस्था को देखते हुए सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई की है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने IndiGo के विंटर शेड्यूल में 5 प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया है। DGCA का कहना है कि एयरलाइन ने सर्दियों के सीजन में अपने शेड्यूल में 9.66 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की थी, लेकिन वह उसे ठीक से संचालित करने में नाकाम रही है। इसी वजह से, उच्च मांग वाले रूट्स पर भी उड़ानों में रुकावट आ रही है। अब 5 प्रतिशत उड़ानों को अन्य एयरलाइंस को आवंटित करने की योजना है।
एक दिन पहले 560 उड़ानें भी रद्द हुई थीं, विश्वसनीयता पर सवाल- IndiGo की वर्तमान स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को भी एयरलाइन को सिर्फ छह मेट्रो शहरों से 560 उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। देश के घरेलू विमानन बाजार में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली यह एयरलाइन फिलहाल अपने ऑपरेशंस को सुचारू रूप से चलाने में संघर्ष कर रही है। इस स्थिति ने न केवल यात्रियों को परेशान किया है, बल्कि एयरलाइन की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और यात्रियों में नाराजगी को और बढ़ा दिया है।
DGCA का सख्त आदेश: भरोसेमंद संचालन साबित होने तक शेड्यूल सीमित रहेगा- DGCA ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा है कि IndiGo को तभी विस्तारित शेड्यूल की अनुमति मिलेगी, जब वह यह साबित कर सके कि वह बिना किसी रुकावट के उड़ानें संचालित कर सकती है। फिलहाल, इंडिगो को उच्च-आवृत्ति वाले रूट्स पर विशेष ध्यान देने और एक सेक्टर में केवल एक ही फ्लाइट चलाने से बचने की सलाह दी गई है। DGCA का यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोपरि रखते हुए उठाया गया है, जिससे उम्मीद है कि उड़ानों में हो रही देरी और रद्दीकरण की समस्या जल्द ही कम होगी।
विंटर शेड्यूल में 2200 से ज्यादा उड़ानें रोज संचालित करने का दबाव, क्या थी वजह?- इंडिगो इस समय 2025-26 के विंटर शेड्यूल के तहत हर दिन 2,200 से ज्यादा उड़ानें संचालित कर रही थी, जो अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से शुरू होकर मार्च 2026 तक चलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि एयरलाइन ने क्षमता बढ़ाने की जल्दबाजी में अपने संचालन क्षमता से कहीं ज्यादा उड़ानें अपने शेड्यूल में जोड़ दीं, जिसका असर अब पूरे सिस्टम पर पड़ रहा है। यात्रियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य होगी और उन्हें बार-बार उड़ानें रद्द होने की परेशानी से राहत मिलेगी।



