कांग्रेस महापौर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन रद्द, भाजपा ने उठाई आपत्ति

धमतरी, 30 जनवरी 2025: धमतरी नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन रद्द कर दिया गया है। भाजपा ने आरोप लगाया था कि विजय गोलछा निगम ठेकेदार और लाभार्थी हैं, और इसी आधार पर रिटर्निंग ऑफिसर ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद उनका नामांकन निरस्त कर दिया। इस घटनाक्रम से नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, जबकि भाजपा इसे अपनी बड़ी रणनीतिक जीत के रूप में देख रही है। चार जगह कांग्रेस की हार, भाजपा पार्षद निर्विरोध जीते
छत्तीसगढ़ के चार स्थानों पर भाजपा के उम्मीदवार बिना चुनाव लड़े ही निर्विरोध पार्षद बन गए हैं।
बिलासपुर: वार्ड 13 में कांग्रेस प्रत्याशी श्याम पटेल का नामांकन जाति प्रमाणपत्र न जमा करने की वजह से रद्द कर दिया गया, जिससे भाजपा के रमेश पटेल निर्विरोध पार्षद चुने गए।
कटघोरा (कोरबा): वार्ड 13 में कांग्रेस ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा, वहीं वार्ड 18 में कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन वापस ले लिया, जिससे भाजपा को जीत मिली।
दुर्ग: वार्ड 21 में कांग्रेस प्रत्याशी मीरा सिंह ने नामांकन वापस ले लिया, जिससे भाजपा की विद्यावती सिंह निर्विरोध पार्षद बन गईं।
बिलासपुर: कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद भाजपा में खुशी का माहौल है।
बिलासपुर नगर निगम के वार्ड 13 (दीनदयाल नगर) से भाजपा के रमेश पटेल का निर्विरोध निर्वाचन तय हुआ। कांग्रेस प्रत्याशी श्याम पटेल का नामांकन जाति प्रमाणपत्र न जमा करने के कारण रद्द हो गया। इस पर बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा कि अब पार्टी के पास चुनाव लड़ने लायक कार्यकर्ता नहीं रहे। भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ने भी कहा कि कांग्रेस की रणनीति अब पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है। 6 प्रत्याशियों का नामांकन रद्द, कांग्रेस में बागी उम्मीदवारों की संभावना बुधवार को हुई स्क्रूटनी में 6 पार्षद प्रत्याशियों के नामांकन रद्द कर दिए गए, जिनमें श्याम पटेल (वार्ड 13), नर्मदा पटेल, राजकुमार साहू (वार्ड 51), अनिता पाटिल (वार्ड 52), शबनम बेगम (वार्ड 55), और मीनाक्षी पटेल (वार्ड 68) शामिल हैं। अब 31 जनवरी तक नामांकन वापसी का समय है, जिसके बाद दोनों दलों, कांग्रेस और भाजपा, से बागी उम्मीदवार सामने आ सकते हैं। वार्ड 13 में ‘सेटिंग’ की चर्चा वार्ड 13 में कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच अंदरूनी ‘सेटिंग’ की अटकलें तेज हो गई हैं। ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने जानबूझकर जाति प्रमाणपत्र नहीं जमा किया, जिससे उनका प्रत्याशी चुनाव से बाहर हो गया। इस घटनाक्रम ने कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया है और पार्टी की रणनीति की विफलता भी सामने आ गई है।