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Bomb Hoax Calls: फ्लाइट्स में बम की अफवाह फैलाने वालों के लिए सख्त कार्रवाई

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नागरिक उड्डयन मंत्रालय अब हवाई उड़ानों में बम की झूठी धमकी देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की योजना बना रहा है। इसमें शामिल है झूठे कॉल करने वालों के लिए पाँच साल की नो-फ्लाई सूची में डालने का प्रस्ताव और एयरक्राफ्ट एक्ट में संशोधन। यह कदम विमानन सुरक्षा के मानकों को मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे हैं।

धमकियों पर काबू पाने के नए उपाय

नागरिक उड्डयन मंत्रालय बम की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ एक नया दृष्टिकोण अपनाने की तैयारी में है। मंत्रालय बीसीएएस (नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो) के पुराने सुझावों पर पुनर्विचार कर रहा है। इन सुझावों में शामिल हैं:
  • झूठी धमकियों के लिए लोगों का नाम पाँच साल के लिए नो-फ्लाई सूची में डालना।
  • एयरक्राफ्ट एक्ट, 1934 में संशोधन करना, जिसे भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 से बदलने की योजना है। यह विधेयक अगस्त में लोकसभा द्वारा पारित किया गया था और इसमें बम की झूठी धमकियों को रोकने के लिए विशेष प्रावधान होंगे।

झूठी धमकियों की बढ़ती चिंता

हाल के दिनों में उड़ानों में बम होने की कई झूठी अफवाहें फैल गई हैं, जिससे मंत्रालय की चिंता बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार, बीसीएएस ने पिछले साल सुझाव दिया था कि ऐसे मामलों के लिए एयरक्राफ्ट एक्ट में विशेष प्रावधान जोड़े जाएं। जुलाई 2023 में, बीसीएएस ने फिर से सुझाव दिया कि हवाई जहाज में बम होने की झूठी ख़बरों को रोकने के लिए नागरिक उड्डयन नियमों में संशोधन किया जाए।

मौजूदा नियमों की सीमाएँ

वर्तमान नियम केवल उन यात्रियों पर लागू होते हैं, जो उड़ान भरने या उसमें सवार होते हैं। ये नियम उन व्यक्तियों पर लागू नहीं होते हैं, जो यात्री नहीं हैं। इसके अलावा, नो-फ्लाई प्रतिबंध की अवधि तय करने का अधिकार केवल एयरलाइन के पास होता है। बीसीएएस का कहना है कि शरारती तत्वों द्वारा फैलाए गए अफवाहों के कारण उड़ान कार्यक्रम और यात्रियों को होने वाली असुविधा को देखते हुए मौजूदा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधान पर्याप्त नहीं हैं।

सख्त कार्रवाई की आवश्यकता

बीसीएएस ने सुझाव दिया है कि एयरक्राफ्ट एक्ट, 1934 में झूठी धमकियों के खिलाफ सख्त जमानत और कड़ी सजा के लिए विशेष प्रावधान जोड़े जाएं, जिससे शरारती तत्वों को बम की झूठी धमकी देने से रोका जा सके। हालाँकि, इस विधेयक में बीसीएएस द्वारा सुझाए गए विशेष कानूनी ढांचे को शामिल नहीं किया गया था। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि इस तरह के हथकंडे अपनाने की कोशिश करने वालों के लिए सख्त रोक लगाई जाएगी और इसके लिए नियमों और कानूनों में बदलाव भी किया जाएगा।
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