Chhattisgarh

NAN केस को प्रभावित करने का आरोप, CBI ने दो पूर्व IAS अधिकारियों के घर मारे छापे

49 / 100 SEO Score

CBI ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उन ठिकानों पर छापेमारी की है जो पूर्व संयुक्त सचिव और पूर्व प्रमुख सचिव से जुड़े बताए जा रहे हैं। यह कार्रवाई नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामलों की जांच को प्रभावित करने की कोशिशों के आरोप में दर्ज FIR के बाद की गई है। छापों के दौरान कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो इस मामले में महत्वपूर्ण सबूत हो सकते हैं। CBI ने 16 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से यह केस अपने हाथ में लिया और उसी दिन तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर दी। इनमें रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टूटेजा (पूर्व संयुक्त सचिव), डॉ. आलोक शुक्ला (पूर्व प्रमुख सचिव), और सतीश चंद्र वर्मा (पूर्व महाधिवक्ता) शामिल हैं। FIR दर्ज करने के बाद CBI ने इनके ठिकानों पर तलाशी भी ली।

FIR में कहा गया है कि आरोपियों ने अपनी सरकारी हैसियत का गलत इस्तेमाल किया और 2015 में EOW/ACB, रायपुर में दर्ज NAN केस और 2019 में ED द्वारा इसी केस के आधार पर दर्ज मामले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की। ये घटनाएं राज्य में 2019 से 2023 के बीच कांग्रेस सरकार के कार्यकाल की हैं। ED ने PMLA कानून के तहत इस मामले में ECIR दर्ज किया था, जो छत्तीसगढ़ ACB/EOW द्वारा की गई FIR और चार्जशीट पर आधारित थी। FIR के मुताबिक, आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई डिजिटल सबूतों से यह सामने आया है कि आरोपियों ने कई बार जानबूझकर इन मामलों की जांच में रुकावट डालने की कोशिश की। इसके अलावा, वर्मा को ऐसे लाभ दिए गए ताकि वो अपनी जिम्मेदारियों को ठीक तरीके से निभाने के बजाय उनकी मदद करें और उन्हें ED व EOW/ACB के केसों में अग्रिम ज़मानत दिलवा सकें। FIR में यह भी कहा गया है कि अग्रिम ज़मानत पाने के लिए आरोपियों ने राज्य के आर्थिक अपराध जांच ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों से जुड़े दस्तावेजों में गड़बड़ी की और हाईकोर्ट में जो जवाब दाखिल किया जाना था, उसमें भी फेरबदल किया गया।

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button